स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा ३ :
मन:प्रभावी पदार्थों की सूची में जोडने या उससे लोप करने की शक्ति :
यदि केन्द्रीय सरकार का यह समाधान हो जाता है कि –
क) ऐसी जानकारी और साक्ष्य के आधार पर, जो उसे किसी पदार्थ (प्राकृतिक या संश्लिष्ट) या प्राकृतिक सामग्री की अथवा ऐसे पदार्थ या सामग्री के किसी लवण या निर्मिति की प्रकृति और प्रभाव तथा उसके दुरुपयोग या दुरुपयोग की गुंजाइश के संबंध में उपलब्ध हुए है; और
ख) ऐसे उपान्तरणों या उपबन्धों के (यदि कोई हो) आधार पर; जो ऐसे पदार्थ प्राकृतिक सामग्री अथवा ऐसे पदार्थ या सामग्री के लवण या निर्मिति के संबंध में किसी अन्तरराष्ट्रीय कन्वेंशन में किए गए है, ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है तो वह राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, अनुसूची में विनिर्दिष्ट मन:प्रभावी पदार्थों की सूची में ऐसे पदार्थ या प्राकृतिक सामग्री अथवा ऐसे पदार्थ या सामग्री के लवण या निर्मिति को, यथास्थिति, जोड सकेगी या उससे उसका लोप कर सकेगी ।
