स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा २४ :
धारा १२ के उल्लंघन में स्वापक ओषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों में बाह्य व्यवहार के लिए दंड :
जो कोई, किसी ऐसे व्यापार में लगेगा या उसका नियंत्रण करेगा, जिसके द्वारा कोई स्वापक ओषधि या कोई मन:प्रभावी पदार्थ केन्द्रीय सरकार के पूर्व प्राधिकार के बिना या धारा १२ के अधीन दिए गए ऐसे किसी प्राधिकार की शर्तों से ( यदि कोई हों) अन्यथा भारत के बाहर अभिप्राप्त कियाजाता है और उसका भारत से बाहर किसी व्यक्ति को प्रदाय किया जाता है, वह कठोर कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु बीस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी, जो एक लाख रुपए से कम का नहीं होगा किन्तु दो लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा :
परन्तु न्यायालय, ऐसे कारणों से, जो निर्णय में लेखबद्ध किए जाएंगे, दो लाख रुपए से अधिक का जुर्माना अधिरोपित कर सकेगा ।
