मोटर यान अधिनियम १९८८
अध्याय ५ :
परिवहन यानों का नियंत्रण :
धारा ६६ :
परमिटों की आवश्यकता :
१) किसी मोटर यान का स्वामी किसी सार्वजनिक स्थान मे उस यान का परिवहन यान के रूप में उपयोग, चाहे उस यान से वास्तव में यात्री या माल का वहन किया जा रहा है या नहींं, उस परमिट की शर्तो के अनुसार ही करेगा या करने की अनुज्ञा देगा जो उस स्थान में उस रीति से, जिससे उस यान का उपयोग किया जा रहा है, उस यान का उपयोग प्राधिकृत करते हुए प्रादेशिक या राज्य परिवहन प्राधिकारण या किसी विहित प्राधिकारी के द्वारा दिया गया है या प्रतिहस्ताक्षरित किया गया है ;
परन्तु मंजिली-गाडी परमिट ऐसी किन्हीं शर्तो के अधीन रहते हुए, जो परमिट में विनिर्दिष्ट की जाएं, उस यान का उपयोग ठेका गाडी के रूप में करने के लिए प्राधिकृत करेगा :
परन्तु यह और कि मंजिली-गाडी परमिट से, ऐसी किन्हीं शर्तों के अधीन रहते हुए जो परमिट में विनिर्दिष्ट की जाएं, उसके यान का उपयोग माल-वाहन के रुप में करना, भले ही वह यात्रियों का वहन कर रहा हो या नहीं, प्राधिकृत किया जा सकेगा :
परन्तु यह और भी कि माल-वहन परिमिट ऐसी किन्ही शर्तो के अधीन रहते हुए जो परमिट में विनिर्दिष्ट की जाएं, उसके धारक द्वारा चलाए जाने वाले व्यापार या कारबार के लिए या उसके संबंध में माल का वहन करने के लिए यान का उपयोग करना प्राधिकृत करेगा :
१.(परंतु यह भी कि जहां किसी परिवहन यान को परमिट के साथ-साथ इस अधिनियम के अधीन अनुज्ञप्ति जारी की गई है, ऐसे यान का उपयोग यान के स्वामी के विवेकाधिकार पर या तो जारी परमिट या परमिटों के अधीन या ऐसी अनुज्ञप्ति के अधीन किया जा सकेगा ।)
२) माल- वहान परमिट का धारक, यान का उपयोग किसी पब्लिक या अर्ध- ट्रेलर के, जो उसके स्वामित्व के अधीन नहीं है, खर्चिने के लिए ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए कर सकेगा जो विहित की जाएं :
२.(परन्तु किसी संलग्न यान का परमिट धारक, उस संलग्न यान के मूल गति उत्पादक का उपयोग किसी अन्य अध्र्द-ट्रेलर के लिए कर सकेगा ।)
३) उपधारा (१) के उपबंध निम्नलिखित को लागू नहीं होंगे, अर्थात् :-
(a)क) कोई ऐसा परिवहन यान जो केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार के स्वामित्वाधीन है और ऐसे सरकारी प्रयोजनों के लिए उपयोग में लाया जाता है जिनका किसी वाणिज्यिक उद्यम से कोई संबंध नहीं है ;
(b)ख) कोई ऐसी परिवहन यान जो किसी स्थानीय प्राधिकारी के अथवा स्थानीय प्राधिकारी से की गई संविदा के अधीन कार्य करने वाले किसी व्यक्ति के स्वामित्वाधीन है और केवल सडक को साफ करने, सडक पर जल छिडकने या सफाई के प्रयोजनों के लिए ही उपयोग में लाया जाता है;
(c)ग) कोर्स ऐसा परिवहन यान जो केवल पुलिस, दमकल या रोगी- वाहन कार्य के लिए ही उपयोग में लाया जाता है;
(d)घ) कोई ऐसा परिवहन यान जो शवों और शवों के साथ जाने वाले व्यक्तियों के प्रवहण के लिए ही उपयोग में लाया जाता है:
(e)ड) कोई ऐसा परिवहन यान जो किसी बिगडे हुए यान का अनुकर्षण करने के लिए या किसी बिगडे हुए यान से माल को निरापद स्थान पर ले जाने के लिए उपयोग में लाया जाता है;
(f)च) कोई ऐसा परिवहन यान जो किसी ऐसे अन्य सार्वजनिक प्रयोजन के लिए उपयोग में लाया जाता है जो राय सरकार इस निमित्त विहित करे ;
(g)छ) कोई ऐसा परिवहन यान जो मोटर यानों का विनिर्माण करने वाले या उनमें व्यवहार करने वाले या चेसिस से संलग्न किए जाने के लिए उनकी बाडी बनाने वाले किसी व्यक्ति द्वारा केवल ऐसे प्रयोजनों के लिए हो और ऐसी शर्तों के अनुसार उपयोग में लाया जाता है जो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे;
३.( * * *)
(i)झ) कोई ऐसा माल यान जिसका सकल यान भार ३००० किलोग्राम से अधिक नहीं है ;
(j)ञ) ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए जो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र मे अधिसूचना द्वारा, विनिर्दिष्ट करे, कोई ऐसा परिवहन यान जो राज्य में खरीदा गया है और किसी यात्री या माल का वहन किए बिना उस राज्य में या किसी अन्य राज्य मे स्थित किसी स्थान को जा रहा है;
(k)ट) कोई ऐसा परिवहन यान जो धारा ४३ के अधीन अस्थायी तौर पर रजिस्ट्रीकृत है, उस समय जब वह यान के रजिस्ट्रीकरण के प्रयोजन से खाली ही किसी स्थान को जा रहा है;
४.( * * *)
(m)ड) कोई ऐसा परिवहन यान जिसे बाढ, भूकंप या किसी अन्य प्राकृतिक विपत्ति, सडक पर बाधा या अकल्पित परिस्थितियों के कारण अपने मार्ग के बदले किसी अन्य मार्ग से, भले ही वह राज्य के अंदर हो या बाहर, इस दृष्टि से भेजा जाना आवश्यक है कि वह अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच सके ;
(n)ढ) कोई ऐसा परिवहन यान जो ऐसे प्रयोजनों के लिए प्रयोग में लाया जाता है, जिसे केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार, आदेश द्वारा, विनिदिॅष्ट करे ;
(o)ण) कोई ऐसा परिवहन यान जो अवक्रय, पट्टा या आडमान करार के अधीन है और जिसे स्वामी के व्यतिक्रम के कारण उस व्यक्ति द्वारा या उसकी ओर से, जिसके साथ स्वामी ने ऐसा करार किया है, कब्जे में ले लिया गया है, जिससे कि ऐसा मोटर यान अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच सके ;या
(p)त) कोई परिवहन यान उस समय जब वह खाली ही मरम्मत के प्रयोजन के लिए किसी स्थान को जा रहा है ।
(q)५.(थ) किसी परिवहन यान को, जिसे धारा ६७ की उपधारा (३) के अधीन, किसी स्कीम के अधीन या धारा ८८क की उपधारा (१) के अधीन कोई अनुज्ञप्ति जारी की गई है या वह ऐसे आदेशों के अधीन चल रहा है जो केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार द्वारा जारी किए जाएं ।)
४)उपधारा (३) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, उपधारा (१) किसी ऐसे मोटर यान को, जिसे ड्राइवर के अलावा नौ से अधिक व्यक्तियों का वहन करने के अनुकूल बना लिया गया है, तब लागू होगी जब राज्य सरकार धारा ९६ के अधीन बनाए गए नियम द्वारा ऐसा विहित करे ।
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा २९ द्वारा तिसरे परंतुक के पश्चात् अंत:स्थापित ।
२.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा २० द्वारा (१४-११-१९९४ से ) प्रतिस्थापित ।
३.२००० के अधिनियम सं. २७ की धारा ४ द्वारा लोप किया गया ।
४.२००१ के अधिनियम सं. ३९ की धारा २ द्वारा(२७-०९-२००१ से) लोप किया गया ।
५. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा २९ द्वारा अंत:स्थापित ।