मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ४३ :
१.(अस्थायी रजिस्ट्रीकरण :
धारा ४० में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी किसी मोटर यान का स्वामी रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या अन्य प्राधिकारी जैसा राज्य सरकार द्वारा विहित किया जाए, को मोटर यान को अस्थायी रुप से रजिस्टर करने के लिए आवेदन कर सकेगा और प्राधिकारी रजिस्ट्रीकरण का अस्थायी प्रमाणपत्र और अस्थायी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह ऐसे नियमों के अनुसार, जो केंद्रीय सरकार द्वारा बनाए जाएं, जारी करेगा :
परंतु राज्य सरकार ऐसे किसी मोटर यान को, जो अस्थाई रुप से राज्य के भीतर चलता है, रजिस्टर कर सकेगी और ऐसी रीति में, जो राज्य सरकार द्वारा विहित की जाए, एक मास की अवधि के लिए रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र और रजिस्ट्रीकरण चिन्ह जारी कर सकेगी ।)
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा १८ द्वारा धारा ४३ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
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१) धारा ४० में किसी बात के होते हुए भी, किसी मोटर यान का स्वामी विहित रीति से यान को अस्थायी रूप में रजिस्टर कराने के लिए और विहित रीति से अस्थायी रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र और अस्थायी रजिस्ट्रीकरण चिहन दिए जोन के लिए किसी रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी अथवा अन्य विहित प्राधिकारी को आवेदन कर सकेगा ।
२)इस धारा के अधीन किया गया रजिस्ट्रीकरण,अधिक से अधिक एक मास की अवधि के लिए विधिमान्य होगा, और नवीकरणीय नहीं होगा :
परन्तु जहां इस प्रकार रजिस्ट्रीकृत कोई मोटर यान चेसिस है जिसमें कोई बाडी नहीं लगाई गई है और जिसमें १.(बाडी लगाने के लिए या स्वामी के नियंत्रण के बाहर अकल्पित परिस्थितियों में ) उसे कर्मशाला में एक मास की उक्त अवधि से आगे रखा जाता है वहां ऐसी फीस, यदि कोई हो, जो विहित की जाए देने पर उस अवधि को इतनी अतिरिक्त अवधि या अवधियों तक बढाया जा सकेगा, जो, यथास्थिति, रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या अन्य विहित प्राधिकारी अनुज्ञात करे ।
२.(३) उस दशा में जिसमें मोटर यान अवक्रय करार, पट्टे या आडमान के अधीन धारित है रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या अन्य विहित प्राधिकारी ऐसे यान के रजिस्ट्रीकरण का अस्थायी प्रमाणपत्र देगा जिसमें उस व्यक्ति का,जिसके साथ स्वामी ने ऐसा करार किया है, पूरा नाम और पता सुपाठय और प्रमुख रूप में दिया जाएगा ।)
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१.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा १२ द्वारा (१४-११-१९९४ से ) प्रतिस्थापित ।
२.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा १२ द्वारा (१४-११-१९९४ से ) प्रतिस्थापित ।