मोटर यान अधिनियम १९८८
अध्याय २ :
मोटर यानों के ड्राइवरों का अनुज्ञापन :
धारा ३ :
चालन-अनुप्ति की आवश्यकता :
१) कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर यान तभी चलाएगा जब उसके पास यान चलाने के लिए उसे प्राधिकृत करते हुए उसके नाम में दी गई प्रभावी चालन-अनुज्ञप्ति है; और कोई भी व्यक्ति (ऐसी १.(मोटर टैक्सी या मोटर साइकिल) से भिन्न जिसे उसने अपने उपयोग के लिए भाडे पर लिया है या धारा ७५ की उपधारा (२) के अधीन बनाई गई किसी स्कीम के अधीन किराए पर लिया है ) परिवहन यान से इस प्रकार तभी चलाएगा जब उसकी चालन- अनुज्ञप्ति उसे विनिर्दिष्ट रूप से ऐसा करने का हकदार बनाती है ।
२) वे शर्तें जिनके अधीन उपधारा (१) ऐसे व्यक्ति को लागू नहीं होगी जो मोटर यान चलाना सीख रहा है, ऐसी होंगी जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाएं ।
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१.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ३ द्वारा (१४-११-१९९४ से ) प्रतिस्थापित ।