मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा २८ :
राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
१)राज्य सरकार धारा २७ में विनिर्दिष्ट विषयों से भिन्न इस अध्याय के उपबंधों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी ।
२)पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियमों में निम्नलिखित के लिए उपबंध हो सकेगा –
(a)क) अनुज्ञापन प्राधिकारियों और अन्य विहित प्राधिकारियों की नियुक्ति, अधिकारिता, नियंत्रण और कृत्य;
(b)ख) इस अध्याय के अधीन की जाने वाली अपीलों का संचालन और उनकी सुनवाई, ऐसी अपीलों की बाबत देय फीसें और ऐसी फीसों का वापस दिया जाना;
परन्तु इस प्रकार नियत की जाने वाली कोई फीस पच्चीस रूपए से अधिक नहीं होगी ;
(c)ग) किन्हीं खोई, नष्ट या कटी-फटी अनुज्ञप्तियों के बदले में दूसरी अनुज्ञप्तियों का दिया जाना, ऐसी फोटो के बदले में, जो पुरानी पड गई हैं, नई फोटो रखना और उनके लिए प्रभारित की जाने वाली फीसें ;
(d)घ) परिवहन यानों के ड्राइवरों द्वारा लगाए जाने वाले बैज और पहनी जाने वाली वर्दी और बैजों के लिए दी जाने वाली फीसें;
(e)ड) धारा ८ की उपधारा (३) के अधीन कोई चिकित्सा प्रमाणपत्र देने के लिए संदेय फीसें;
(f)च) इस अध्याय के अधीन देय सब फीसों को या उनके किसी भाग को देने से विहित व्यक्तियों या विहित वर्गों के व्यक्तियों की छुट;
(g)छ) एक अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा दी गई अनुज्ञप्तियों की विशिष्टियों की अन्य अनुज्ञापन प्राधिकारियों को संसूचना;
(h)ज) ऐसे व्यक्तियों के कर्तव्य, कृत्य और आचरण जिनकी परिवहन यान चलाने के लिए अनुज्ञप्तियां दी जाती हैं;
(i)झ) रोड रोलरों के ड्राइवरों को इस अध्याय के या इसके अधीन बनाए गए नियमों के सब या किन्हीं उपबंधों से छुट ;
१.(***)
(k)ट) कोई अन्य विषय जो विहित किया जाना है या किया जाए ।
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१. २०१९ के अधिनियम सं. ३२ की धारा १५ द्वारा उपधारा २ का खंड (ञ)वह रीति जिसमें राज्य चालन-अनुज्ञप्ति रजिस्टर धारा २६ के अधीन रखे जाएंगे 😉 का लोप किया गया ।