Mv act 1988 धारा २१४ : आरंभिक प्राधिकारी द्वारा पारित आदेशों पर अपील और पुनरीक्षण का प्रभाव :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा २१४ :
आरंभिक प्राधिकारी द्वारा पारित आदेशों पर अपील और पुनरीक्षण का प्रभाव :
१)जहां इस अधिनियम के अधीन आरंभिक प्राधिकारी द्वारा पारित किसी आदेश के विरूध्द अपील की गई है या पुनरीक्षण का आवेदन किया गया है, वहां ऐसी अपील या पुनरीक्षण का आवेदन ऐसे प्रवर्तित न होगा जिससे वह आदेश रूक जाए जिसे आरंभिक प्राधिकारी ने पारित किया था और ऐसा आदेश, यथास्थिति, उस अपील या पुनरीक्षण के आवेदन का निपटारा लंबित रहने तक प्रवृत्त बना रहेगा, जब तक कि विहित अपील प्राधिकारी या पुनरीक्षण प्राधिकारी अन्यथा निदेश न दे ।
२) उपधारा (१) में किसी बात के होते हुए भी, यदि परमिट के नवीकरण के लिए किसी व्यक्ति द्वारा किया गया ओवदन आरंभिक प्राधिकारी द्वारा नामंजूर कर दिया गया है और ऐसे व्यक्ति ने ऐसी ना मंजूरी के विरूध्द इस अधिनियम में के अधीन अपील की है या पुनरीक्षण का आवेदन किया है तो, यथास्थिति, अपील प्राधिकारी या पुनरीक्षण प्राधिकारी आदेश द्वारा यह निदेश दे सकेगा कि वह परमिट उसमें विनिर्दिष्ट अवधि के समाप्त हो जाने पर भी तब तक के लिए विधिमान्य बना रहेगा जब तक अपील या पुनरीक्षण के आवेदन का निपटारा नहीं हो जाता है ।
३)सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस अधिनियम के अधीन दिया गया कोई भी आदेश, कार्यवाहियों में किसी गलती, लोप या अनियमितता के कारण अपील या पुनरीक्षण में केवल तभी उल्टा जाएगा या परिवर्तित किया जाएगा जब, यथास्थिति, विहित अपील प्राधिकारी या पुनरीक्षण प्राधिकारी को यह प्रतीत हो कि ऐसी गलती, लोप या अनियमितता से वास्तव में न्याय नहीं हो पाया है, अन्यथा नहीं ।

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