मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा २१०ख :
१.( प्रवर्तनकारी प्राधिकरण द्वारा किए गए अपराध के लिए शास्ति :
कोई प्राधिकारी जो इस अधिनियम के उपबंधों को प्रवृत्त करने के लिए सशक्त है, यदि ऐसा प्राधिकारी इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध करता है तो वह इस अधिनियम के अधीन इस अपराध के तत्समान शास्ति के दुगना के लिए दायी होगा ।)
———-
१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ८९ द्वारा धारा २१० के पश्चात् अंत:स्थापित ।