Mv act 1988 धारा २०३ : श्वास-परीक्षण :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा २०३ :
श्वास-परीक्षण :
१.(१) वर्दी पहने हुए कोई पुलिस अधिकारी या मोटर यान विभाग का कोई अधिकारी जिसे उस विभाग द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किया जाए, किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर यान चलाने वाले या चलाने का प्रयास करने वाले किसी व्यक्ति से श्वास परीक्षण के लिए वहां या पास के स्थान में श्वास के एक या अधिक नमूने देने की उस दशा में अपेक्षा कर सकेगा जब ऐसे पुलिस अधिकारी या अधिकारी के पास ऐसे व्यक्ति द्वारा धारा १८५ के अधीन दंडनीय कोई अपराध किए जाने का संदेह करने का कोई युक्तियुक्त कारण है :
परन्तु श्वास परीक्षण के लिए कोई अपेक्षा ऐसे अपराध के किए जाने के पश्चात् युक्तियुक्त तौर पर तब तक नहीं जाएगी (जब तक कि ऐसा श्वास परीक्षण यथासाध्य शीघ्र नहीं करा लिया गया हो ।)
२)यदि कोई मोटर यान किसी सार्वजनिक स्थान में दुर्घटनाग्रस्त है और वर्दी में किसी पुलिस अधिकारी को यह संदेह करने का युक्तियुक्त कारण है कि उस व्यक्ति के, जो दुर्घटना के समय मोटर यान चला रहा था, रक्त में एल्कोहल थी या वह धारा १८५ में निर्दिष्ट किसी मादक द्रव्य के असर में यान चला रहा था, तो वह इस प्रकार मोटर यान चलाने वाले किसी व्यक्ति से, –
(a)क) ऐसे व्यक्ति की दशा में, जो किसी अस्तताल में अन्तरंग रोगी के रूप में है, उस अस्पताल में,
(b)ख) किसी अन्य व्यक्ति की दशा में, या तो उस स्थान पर या उसके समीप जहां अपेक्षा की गई है या यदि पुलिस अधिकारी उचित समझे तो पुलिस अधिकारी द्वारा विनिर्दिष्ट पुलिस थाने पर,
श्वास- परीक्षण के लिए श्वास -नमुना देने की अपेक्षा कर सकेगा :
परन्तु उस व्यक्ति से, जो किसी अस्पताल में अन्तरंग रोगी के रूप में है, ऐसा नमूना देने की अपेक्षा उस दशा में नहीं की जाएगी जब उस रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी को, जिसकी अव्यवहित देखरेख में उक्त व्यक्ति है, नमूना लेने की प्रस्थापना की सूचना पहले नहीं दी गई है अथवा वह इस आधार पर नमुना दिए जाने पर आपत्ति करता है कि नमूने का दिया जाना या दिए जाने की अध्यपेक्षा रोगी की समुचित देखरेख या उपार पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी ।
३)यदि वर्दी में किसी पुलिस अधिकारी को उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन किसी व्यक्ति पर उसके द्वारा किए गए श्वास-परीक्षण के परिणामस्वरूप यह प्रतीत होता है कि वह युक्ति जिसके द्वारा परीक्षण किया गया है, यह उपदर्शित करती है कि उस व्यक्ति के रक्त में एल्कोहल है, तो पुलिस अधिकारी उस व्यक्ति को बिना वारण्ट के गिरफ्तार कर सकेगा किंतु तब नही जब वह व्यक्ति अन्तरंग रोगी के रूप में अस्तताल में हो ।
४)यदि श्वास -परीक्षण के लिए श्वास का नमुना देने के लिए उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन किसी पुलिस अधिकारी द्वारा अपेक्षित कोई व्यक्ति ऐसा करने से इन्कार करता है या ऐसा करने में असफल रहता है और पुलिस अधिकारी को उसके रक्त में एल्कोहल होने का सन्देह करने का युक्तियुक्त कारण है तो पुलिस अधिकारी उसे बिना वारण्ट के गिरफ्तार कर सकेगा किन्तु तब नहीं जब वह अंतरग रोगी के रूप में अस्तताल में हो ।
५)इस धारा के अधीन गिरफ्तार किए गए किसी व्यक्ति को, जब वह पुलिस थाने में हो, श्वास-परीक्षण के लिए श्वास का नमूना देने का अवसर दिया जाएगा ।
६)इस धारा के उपबन्धों के अनुसरण में किए गए श्वास-परीक्षण के परिणाम साक्ष्य में ग्राह्य होगें ।
स्पष्टीकरण – इस धारा के प्रयोजनों के लिए, श्वास-परीक्षण से किसी व्यक्ति के रक्त में एल्कोहल होने का कोई संकेत प्राप्त करने के प्रयोजनार्थ उस व्यक्ति द्वारा दिए गए श्वास के नमूने पर, उस युक्ति के द्वारा, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, ऐसे परीक्षण के प्रयोजन के लिए अनुमोदित की जाए, किया गया परीक्षण अभिप्रेत है ।
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१.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ६१ द्वारा प्रतिस्थापित ।

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