मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १९ :
अनुज्ञापन प्राधिकारी की, चालन-अनुज्ञप्ति धारण करने से निरर्हित करने या उसे प्रतिसंहृत करने की शक्ति :
१)यदि अनुज्ञापन प्राधिकारी का, चालन-अनुज्ञप्ति के धारक को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् यह समाधान हो जाता है कि वह –
(a)क) आभ्यासिक अपराधी या आभ्यासिक शराबी है ;या
(b)ख) स्वापक ओषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, १९८५ (१९८५ का ६१ ) के अर्थ के अंतर्गत किसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ का व्यसनी है; या
(c)ग) कोई संज्ञेय अपराध करने में मोटर यान का उपयोग कर चुका है; या
(d)घ) किसी मोटर यान के ड्राइवर के रूप में अपने पूर्वाचरण से यह दर्शित कर चुका है कि उसके यान चलाने से जनता को खतरा हो सकता है; या
(e)ड) उसने कपट या दुव्र्यपदेशन द्वारा किसी विशिष्ट वर्ग या वर्णन के मोटर यान की चालन- अनुज्ञप्ति या चलाने की अनुज्ञप्ति अभिप्राप्त कर ली है; या
(f)च) कोई ऐसा कार्य कर चुका है जिससे जनता को न्यूसेंस या खतरा कारित होने की संभावना है, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा इस अधिनियम के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए विहित किया जाए ;या
(g)छ) जो धारा २२ की उपधारा (३) के परन्तुक में निर्दिष्ट परीक्षणों में बैठने में असफल रहा है या उनको उत्तीर्ण नहीं कर सका है ;या
(h)ज) अठारह वर्ष की आयु से कम का व्यक्ति होते हुए जिसे उस व्यक्ति की लिखित अनुमति से शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति या चालन-अनुज्ञप्ति दी गई है जो अनुज्ञप्ति के धारक की देखभाल करता है और जो अब ऐसी देखभाल में नहीं है,
तो वह अनुज्ञापन प्राधिकारी ऐसे कारणों से जो लेखबध्द किए जाएंगे, –
एक) उस व्यक्ति को अनुज्ञप्ति में विनिर्दिष्ट सभी या किन्हीं वर्गों या वर्णनों के यान चलाने की कोई चालन-अनुज्ञप्ति धारण करने या अभिप्राप्त करने से, किसी विनिर्दिेष्ट अवधि के लिए निरर्हित करने का आदेश दे सकेगा ; या
दो) ऐसी किसी अनुज्ञप्ति को प्रतिसंहृत कर सकेगा ।
१.(१अ) जहां धारा २०६ की उपधारा (४) के अधीन अनुज्ञापन प्राधिकारी को कोई अनुज्ञप्ति अग्रेषित की गई है, अनुज्ञापन प्राधिकारी का चालन अनुज्ञप्ति के धारक को सुने जाने का अवसर प्रदान किए जाने के पश्चात् यदि समाधान हो जाता है तो वह या तो चालन अनुज्ञप्ति के धारक को निर्मुक्त कर देगा या वह विस्तृत कारणों को लेखबद्ध करते हुए ऐसे व्यक्ति को अनुज्ञप्ति में विनिर्दिष्ट सभी यानों या यानों के किसी वर्ग या विवरण के लिए कोई अनुज्ञप्ति धारण करने या अभिप्राप्त करने से निरर्हित करने का,-
(a)क) पहले अपराध के लिए तीन मास की अवधि के लिए निरर्हित करने का आदेश करेगा;
(b)ख) दूसरे या पश्चात्वर्ती अपराध के लिए ऐसे व्यक्ति चालन अनुज्ञप्ति का प्रतिसंहरण करने का आदेश करेगा :
परंतु जहां इस धारा के अधीन किसी चालन अनुज्ञप्ति का प्रतिसंहरण कर लिया गया है वहां ऐसी चालन अनुज्ञप्ति के धारक के नाम को पब्लिक डोमेन में ऐसी रीती में रखा जा सकेगा जैसा केंद्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए ।)
२)जहां उपधारा (१) २.(या उपधारा १क) के अधीन कोई आदेश किया जाता है वहा चालन- अनुज्ञप्ति का धारक, यदि चालन-अनुज्ञप्ति का पहले ही अभ्यर्पण नहीं कर दिया गया है तो अपनी चालन-अनुज्ञप्ति उस अनुज्ञापन प्राधिकारी को तुरन्त अभ्यर्पित कर देगा जिसने वह आदेश दिया है तथा अनुज्ञापन प्राधिकारी-
(a)क) उस चालन-अनुज्ञप्ति के इस अधिनियम के अधीन दी गर्स चालन-अनुज्ञप्ति होने पर उसे तब तक अपने पास रखे रहेगा जब तक निरर्हता समाप्त नहीं हो जाती या हटा नहीं दी जाती; या
(b)ख) उस चालन-अनुज्ञप्ति के इस अधिनियम के अधीन दी गई चालन-अनुज्ञप्ति न होने पर उस पर निरर्हता पृष्ठांकित करेगा और उसे उस अनुज्ञापन प्राधिकारी के पास भेज देगा जिसने वह दी थी; या
(c)ग) किसी अनुज्ञप्ति के प्रतिसंहृत किए जाने की दशा में, उस पर प्रतिसंहृत का पृष्ठांकन करेगा और यदि वह ऐसा प्राधिकारी नहीं है जिसने वह दी थी, तो वह प्रतिसंहरण के तथ्य की सूचना उस प्राधिकारी को देगा जिसने वह अनुज्ञप्ति दी थी :
३.(परंतु चालन अनुज्ञप्ति को धारक को निरर्हता की अवधि की समाप्ति पर केवल तभी लौटाया जाएगा जब वह सफलतापूर्वक चालक पुनश्चर्या पाठ्यक्रम को पूरा करता है ।)
(2A)४.(२क) अनुज्ञप्तिधारक, जिसकी अनुज्ञप्ति को निलंबित कर दिया गया है वह धारा १२ के अधीन अनुज्ञप्त और विनियमित स्कूल या स्थापन से या किसी अन्य अभिकरण से, जो केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाए, चालक पुनश्चर्या प्रशिक्षण पाठ्यक्रम करेगा ।
(2B)२ख) चालक पुनश्चर्या प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की प्रकृति पाठ्य विवरण और अवधि वह होगी, जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए ।)
३)अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा उपधारा (१) २.(या उपधारा १क) के अधीन दिए गए आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति उस आदेश की प्राप्ति के तीस दिन के भीतर विहित प्राधिकारी को अपील कर सकेगा और ऐसा अपील प्राधिकारी अनुज्ञापन प्राधिकारी को सूचना देगा तथा किसी भी पक्षकार द्वारा अपेक्षा किए जाने पर उसकी सुनवाई करेगा और ऐसा आदेश पारित कर सकेगा जो वह ठीक समझे और ऐसे किसी अपील प्राधिकारी द्वारा पारित किया गया आदेश अंतिम होगा ।
———–
१. २०१९ का अधिनियम क्रं. ३२ की धारा ११ द्वारा उपधारा (१) के पश्चात अंत:स्थापित ।
२. २०१९ का अधिनियम क्रं. ३२ की धारा ११ द्वारा उपधारा (१) शब्द, कोष्ठक और अंक के पश्चात अंत:स्थापित ।
३. २०१९ का अधिनियम क्रं. ३२ की धारा ११ द्वारा उपधारा (२) (परन्तु जहां चालन-अनुज्ञप्ति किसी व्यक्ति को एक से अधिक वर्ग या वर्णन के मोटर यान चलाने के लिए प्राधिकृत करती है और उपधारा (१) के अधीन दिया गया आदेश उसे किसी विनिर्दिष्ट वर्ग या वर्णन के मोटर यान चलाने से निरर्ह करता है वहां अनुज्ञापन प्राधिकारी चालन-अनुज्ञप्ति पर निरर्हता पृष्ठांकित करेगा और उसे धारक को लौटा देगा ।) परंतुक के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
४. २०१९ का अधिनियम क्रं. ३२ की धारा ११ द्वारा अंत:स्थापित ।