Mv act 1988 धारा १९२ख : १.(रजिस्ट्रीकरण से संबंधित अपराध :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १९२ख :
१.(रजिस्ट्रीकरण से संबंधित अपराध :
१) जो कोई, मोटर यान का स्वामी होते हुए, धारा ४१ की उपधारा (१) के अधीन ऐसे मोटर यान के रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन करने में असफल रहता है, तो वह मोटर यान के वार्षिक सडक कर के लिए आवेदन करने में असफल रहता है, तो वह मोटर यान के वार्षिक सडक कर का पांच गुना या आजीवन कर का एक तिहाई जुर्माने से, जो भी अधिक हो, दंडनीय होगा ।
२) जो कोई व्यौहारी होते हुए, धारा ४१ की उपधारा (१) के दूसरे परंतुक के अधीन नए मोटर यान के रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन करने में असफल रहता है तो वह मोटर यान के वार्षिक सडक या आजीवन कर के पंद्रह गुना जुर्माने से दंडनीय होगा ।
३) जो कोई, मोटर यान का स्वामी हाते हुए, ऐसे दस्तावेजों के आधार पर ऐसे यान के लिए रजिस्ट्रीकरण का प्रमाणपत्र अभिप्राप्त करता है जो तथ्यों के प्रतिरुपण द्वारा किसी तात्विक विशिष्टि में मिथ्या थे या मिथ्या था या उस पर उत्कीर्ण इंजन संख्या या चेसिस संख्या रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में प्रविष्ट ऐसी संख्या से भिन्न हैं जो ऐसी अवधि के कारावास से, जो छह मास के कम की नहीं होगी qकतु जो एक वर्ष तक की हो सकेगी और मोटर यान के वार्षिक सडक कर का दस गुना रकम या आजीवन कर के दो तिहाई रकम के बराबर जुर्माने से, जो भी अधिक हो, दंडनीय होगा ।
४) जो कोई, ऐसा व्यौहारी होते हुए, ऐसे दस्तावेजों के आधार पर ऐसे यान के लिए रजिस्ट्रीकरण का प्रमाणपत्र जो तथ्यों के प्रतिरुपण द्वारा किसी तात्विक विशिष्टि में मिथ्या थे या मिथ्या था या उस पर उत्कीर्ण इंजन संख्या या चेसिस संख्या रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र में प्रविष्ट ऐसी संख्या से भिन्न है तो वह ऐसी अवधि के कारावास से, जो छह मास से कम की नहीं होगी qकतु जो एक वर्ष तक की हो सकेगी और जो मोटर यान के वार्षिक सडक कर के दस गुना रकम या आजीवन कर के दो तिहाई रकम के बराबर, जो भी अधिक हो, जुर्माने से दंडनीय होगा ।)
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ७६ द्वारा अंत:स्थापित ।

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