मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १८० :
अप्राधिकृत व्यक्तियों को यान चलाने की अनुज्ञा देगा :
जो कोई किसी मोटर यान का स्वामी यां भारसाधक व्यक्ति होते हुए ऐसे अन्य किसी व्यक्ति से, जो धारा ३ या धारा ४ के उपबन्धों की पूर्ति नहीं करता है, यान चलवाएगा या चलाने देगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो १.(पांच हजार रूपए तक का) हो सकेगा, अथवा दोनों से, दण्डनीय होगा।
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ६२ द्वारा (एक हजार रूपए तक का) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।