मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १७८ :
पास या टिकट के बिना यात्रा करने और कंडक्टर द्वारा कर्तव्य की अवहेलना के लिए तथा ठेका गाडी आदि के चलाने से इंकार करने के लिए शास्ति आदि :
१)जो कोई मंजिली गाडी में समुचित पास या टिकट के बिना यात्रश करेगा या मंजिली गाडी में रहेगा या उससे उतरने पर जांच के लिए पास या टिकट देने में असफल रहेगा या देने से इंकार करेगा अथवा पास या टिकट की अध्यपेक्षा की जाने पर उसे तत्काल परिदत्त करने में असफल रहेगा या इंकार करेगा, वह जुर्माने से, जो पांच सौ रूपए तक का हो सकेगा, दण्हनीय होगा ।
स्पष्टीकरण- इस धारा में पास और टिकट के वही अर्थ हैं जो धारा १२४ में इनके हैं ।
२)यदि मंजिली गाडी का कंडक्टर या मंजिली गाडी का ड्राइवर जो ऐसी मंजिली गाडी के ऐसे कंडक्टर के कृत्यों का पालन कर रहा है, जिसका यह कर्तव्य है कि-
(a)क) वह मंजिली गाडी में यात्रा करने वाले व्यक्ति द्वारा भाडा दिए जाने पर उसे टिकट दे, जानबूझकर या उपेक्षापूर्वक, –
१) भाडा दिए जाने पर उसे स्वीमार करने में असफल रहेगा या इंकार करेगा; या
२)टिकट देने में असफल रहेगा या इन्कार करेगा; या
३)अवैध टिकट देगा ; या
४)कम मूल्य का टिकट देगा ; या
(b)ख)वह किसी पास या टिकट की जांच करे, जानबूझकर या उपेक्षापूर्वक ऐसा करने में असफल रहेगा या इंकार करेगा,
तो वह जुर्माने से, जो पांच सौ रूपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा ।
३)यदि ठेका गाडी का परमिट धारक या ड्राइवर इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों के उल्लंघन में ठेका गाडी के चलाने या यात्रियों को ले जाने से इंकार करेगा तो वह, –
(a)क) दो पहिए या तीन पहिए वाले मोटर यानों की दशा में, जुर्माने से, जो पचास रूपए तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा; और
(b)ख) किसी अन्य दशा में, जुर्माने से, जो १.(पांच सौ रूपए) तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा ।
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ६० द्वारा १.(दो सौ रूपए) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।