मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १७६ :
राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
राज्य सरकार धारा १६५ से धारा १७४ तक के उपबन्धों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी और ऐसे नियम विशिष्टतया निम्नलिखित सभी बातों या उनमें से किसी के लिए उपबन्ध कर सकेंगे, अर्थात् :-
(a)क) प्रतिकर के दावों के लिए आवेदन का प्ररूप तथा वे विशिष्टियां जो उनमें हो सकेंगी और वे फस, यदि कोई हों, जो ऐसे आवेदनों की बाबत दी जानी हैं :
(b)ख) इस अध्याय के अधीन जांच करने में दावा अधिकरण द्वारा अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया;
(c)ग) सिविल न्यायालय में निहित शक्तियां जिनका प्रयोग दावा अधिकरण कर सकेगा ;
(d)घ) वह प्ररूप जिसमें, वह रीति जिससे तथा वह फीस (यदि कोई हो ) जिसे देने पर दावा अधिकरण के अधिनिर्णय के विरूध्द अपील की जा सकेगी; और
(e)ड) कोई अन्य बात, जो विहित की जानी है या की जाए ।