मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १६३ :
१.(धारा १६१ के अधीन संदत्त प्रतिकर के कतिपय मामलों में प्रतिदाय :
१) धारा १६१ के अधीन किसी व्यक्ति की मृत्यु या उसको हुई घोर उपहति की बाबत प्रतिकर का संदाय इस शर्त के अधीन रहते हुए होगा कि यदि कोई प्रतिकर जिसे इस उपधारा में इसमें आगे अन्य प्रतिकर कहा गया है या प्रतिकर के लिए दावे के बदले में या इस के चुकाए जाने के रुप में अन्य इस अधिनियम या किसी अन्य विधि या अन्यथा के अधीन ऐसी मृत्यु या घोर उपहति की बाबत अधिनिर्णीत की जाती है या संदत्त की जाती है, तो अन्य उतनी प्रतिकर या अन्य पूर्वोक्त रकम का जितनी धारा १६१ के अधीन संदत्त प्रतिकर के बराबर है बीमाकर्ता को वापस लौटा दी जाएगी ।
२) इस अधिनियम के किसी उपबंध के अधीन धारा १६१ या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि से भिन्न मोटर यान के उपयोग के कारण हुई किसी व्यक्ति की मृत्यु या शारीरिक क्षति को अन्तर्वलित करने वाली दुर्घटना के संबंध में प्रतिकर अधिनिर्णीत करने से पूर्व दावा अधिकरण, न्यायालय या अन्य ऐसा प्रतिकर अधिनिर्णीत करने वाला प्राधिकारी इस बारे में कि क्या ऐसी मृत्यु या शारीरिक क्षति की बाबत प्रतिकर का संदाय धारा १६१ के अधीन पहले की कर दिया गया है या प्रतिकर के संदाय के लिए आवेदन उस धारा के अधीन लंबित है और ऐसा अधिकरण , न्यायालय या अन्य प्राधिकारी –
(a)क) यदि प्रतिकर धारा १६१ के अधीन पहले संदत्त ही कर दिया गया है, उसके द्वारा अधिनिर्णीत प्रतिकर का संदाय करने के लिए दायी व्यक्ति को यह निदेश देगा कि वह बीमाकर्ता को उसके उतने भाग का प्रतिदाय करे जितना उपधारा (१) के उपबंधों के अनुसार वापस किया जाना अपेक्षित है ;
(b)ख) यदि प्रतिकर के संदाय के लिए आवेदन धारा १६१ के अधीन लंबित है तो वह बीमाकर्ता को उसके द्वारा अधिनिर्णीत प्रतिकर के बारे ेमें विशिष्टियां अग्रेषित करेगा ;
स्पष्टीकरण :
इस उपधारा के प्रयोजन के लिए धारा १६१ के अधीन प्रतिकर के लिए आवेदन तब लंबित समझा जाएगा,-
एक) यदि ऐसा आवेदन नामंजूर कर दिया गया है तो आवेदन की नामंजूरी की तारीख तक; और
दो) किसी अन्य मामले में आवेदन के अनुसरण में प्रतिकर के संदाय की तारीख तक ।
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ५१ द्वारा अध्याय ११ प्रतिस्थापित ।