मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १५४ :
१.(धारा १५१, धारा १५२ और धारा १५३ के संबंध में व्यावृत्ति ।
१) धारा १५१, धारा १५२ और धारा १५३ के प्रयोजन के लिए बीमा की किसी पालिसी के अधीन बीमाकृत व्यक्ति के संबंध में पर-पक्षकार के दायित्वों के प्रतिनिर्देश में उस व्यक्ति की किसी अन्य बीमा की पालिसी के अधीन बीमाकर्ता की हैसियत में कोई दायित्व सम्मिलित नहीं होगा ।
२) धारा १५१, धारा १५२ और धारा १५३ के उपबंध वहां लागू नहीं होंगे जों कंपनी पुर्निमाण या अन्य कंपनी के साथ केवल समामेलन के प्रयोजन के लिए परिसमाप्त की जाती है ।)
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ५१ द्वारा अध्याय ११ प्रतिस्थापित ।