मोटर यान अधिनियम १९८८
अध्याय ११ :
१.(मोटर यानों का पर-व्यक्ति जोखिमों के विरुद्ध बीमा :
धारा १४५ :
परिभाषाएं :
इस अध्याय में,-
(a)क) प्राधिकृत बीमाकर्ता से ऐसा बीमाकर्ता अभिप्रेत है, जो भारत में तत्समय साधारण बीमा कारबार कर रहा है और जिसे बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम १९९९ की धारा ३ के अधीन स्थापित भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण और साधारण बीमा कारबार (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम १९७२ के अधीन साधारण बीमा कारबार करने के लिए प्राधिकृत किसी सरकारी बीमा निधि द्वारा रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र मंजूर किया गया है ;
(b)ख) बीमा प्रमाणपत्र से धारा १४७ के अनुसरण में किसी प्राधिकृत बीमाकर्ता द्वारा जारी कोई प्रमाणपत्र अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत ऐसी अपेक्षाओं का, जो विहित की जाएं, अनुपालन करने वाला कवर नोट भी है, और जहां किसी पालिसी के संबंध में एक से अधिक प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं या जहां किसी प्रमाणपत्र की प्रति जारी की गई है, वहां यथास्थिति, ऐसे सभी प्रमाणपत्र या वह प्रति भी है ;
(c)ग) घोर उपहति का वही अर्थ होगा, जो भारतीय दंड संहिता १८६० की धारा ३२० में उसका है;
(d)घ) हिट एंड रन मोटर दुर्घटना से ऐसी कोई दुर्घटना अभिप्रेत है, जो ऐसे किसी मोटर यान या मोटर यानों के उपयोग से कारित हुई है, जिनकी पहचान इस प्रयोजन हेतु युक्तियुक्त प्रयास करने के बावजूद भी अभिनिश्चित नहीं की जा सकती;
(e)ङ) बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण से बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम १९९९ की धारा ३ के अधीन स्थापित बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अभिप्रेत है ;
(f)च) बीमा पालिसी के अंतर्गत बीमा प्रमाणपत्र भी है;
(g)छ) संपत्ति के अंतर्गत सडके, पुल, पुलिया, सेतुक स्तंभ, पेड, मील के पत्थर और किसी मोटर यान में वहन किए जाने वाले यात्रियों का सामान तथा माल भी है;
(h)ज) व्यतिकारी देश से ऐसा कोई देश अभिप्रेत है, जो व्यतिकारिता के आधार पर केंद्रीय सरकार, किसी परिवहन यान का चालक और कोई अन्य सहकर्मी द्वारा राजपत्र में, इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए व्यतिकारी देश के रुप में अधिसूचित किया जाए ;
(i)झ) पर-पक्षकार के अंतर्गत सरकार, किसी परिवहन यान का चालक और उसका कोई अन्य सहकर्मी भी है ।)
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ५१ द्वारा अध्याय ११ प्रतिस्थापित ।