मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १३६ :
दुर्घटनाग्रस्त यान का निरीक्षण :
जब कोई मोटर यान दुर्घनाग्रस्त हो जाता है तब राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत कोई व्यक्ति, उस दशा में अपना प्राधिकार पेश करके, जब उससे वैसी अपेक्षा की गई है, यान का निरीक्षण कर सकेगा और उस प्रयोजन के लिए किसी भी उचित समय पर ऐसे किसी परिसर में प्रवेश कर सकेगा जिसमें वह यान हो और यान को परीक्षा के लिए वहां से ले जा सकेगा :
परंतु वह स्थान जहां वह यान इस प्रकार ले जाया जाता है, यान के स्वामी को बता दिया जाएगा और १.(यान,उसके स्वामी, ड्राइवर या भारसाधक व्यक्ति को, औरपचारिकताएं पूरी करने के पश्चात् चौबीस घंटे के भीतर ) लौटा दिया जाएगा ।
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१.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ४२ द्वारा प्रतिस्थापित ।