मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १२४ :
पास या टिकट के बिना यात्रा करने का प्रतिषेध :
कोई व्यक्ति किसी मंजिली गाडी में यात्रा करने के प्रयोजन के लिए तभी प्रेवश करेगा या उसमें रहेगा, जब उसके पास समुचित पास या टिकट हो, अन्यथा नहीं :
परंतु जहां मंजिली गाडी में ऐसे टिकट देने का प्रबंध है, जिसे लेकर किसी व्यक्ति को यात्रा करनी होती है, वहां कोई व्यक्ति ऐसी मंजिली गाडी में प्रवेश कर सकेगा, किंतु उसमें प्रवेश करने के पश्चात् यथाशक्य शीघ्र वह अपना किराया कंडक्टर या ड्राइवर को, जो कंडक्टर के कृत्यों का पालन करता हो, देगा और, यथास्थिति, ऐसे कंडक्टर या ड्राइवर से अपनी यात्रा के लिए टिकट लेगा।
स्पष्टीकरण :
इस धारा में, –
(a)क) पास से अभिप्रेत है कर्तव्य, विशेषाधिकार या सौजन्य पास जिससे वह व्यक्ति, जिसे यह पास दिया जाता है, मंजिली गाडी में नि:शुल्क यात्रा करने का हकदार होता है और इसके अंतर्गत वह पास भी है जो उसमें विनिर्दिष्ट अवधि के लिए मंजिली गाडी में यात्रा के लिए संदाय किए जाने पर जारी किया गया है;
(b)ख) टिकट के अंतर्गत एकल टिकट, वापसी टिकट या सीजन टिकट भी है ।