मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ११३ :
भार की सीमाएं और उपयोग किए जाने के बारे में निर्बन्धन :
१) राज्य सरकार राज्य या प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरणों द्वारा १(परिवहन यानों) के लिए परमिट दिए जाने के संबंध में शर्तें विहित कर सकेगी तथा किसी क्षेत्र में या मार्ग पर ऐसे यानों का उपयोग प्रतिषिध्द या निर्बन्धित कर सकेगी ।
२)जैसा अन्यथा विहित किया जाए उसके सिवाय, कोई व्यक्ति किसी ऐसे मोटर यान को, जिसमें वातीय टायर न लगे हों, किसी सार्वजनिक स्थान में न तो चलाएगा न चलवाएगा और न चलाने देगा।
३)कोई व्यक्ति ऐसे किसी मोटर यान या ट्रेलर को किसी सार्वजनिक स्थान में न तो चलाएगा, न चलवाएगा और न चलाने देगा –
(a)क) जिसका लदान रहित भार यान के रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में विनिर्दिष्ट लदान रहित भार से अधिक है,या
(b)ख) जिसका लदान सहित भार रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में विनिर्दिष्ट यान सहित सकल भार से अधिक है ।
४) जहां उपधारा (२) या उपधारा (३) के खंड (क) का उल्लंघन करके चलाए गए किसी मोटर यान या ट्रेलर का ड्राइवर या भारसाधक व्यक्ति उसका स्वामी नहीं है, वहां न्यायालय यह उपधारणा कर सकेगा कि वह अपराध उस मोटर यान या ट्रेलर के स्वामी की जानकारी से या उसके आदेशों के अधीन किया गया था ।
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१.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ३४ द्वारा प्रतिस्थापित ।