मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १०३ :
राज्य परिवहन उपक्रमों को परमिट दिया जाना :
१) जहां किसी अनुमोदित स्कीम के अनुसरण में कोई राज्य परिवहन उपक्रम अधिसूचित क्षेत्र या अधिसूचित मार्ग की बाबत मंजिली गाडी परमिट या माल वाहक परमिट या ठेका गाडी परमिट के लिए ऐसी रीति से, जो राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त विहित की जाए, आवेदन करता है वहां जब उक्त क्षेत्र या मार्ग एक से अधिक प्रदेशों में पडता है तब राज्य परिवहन प्राधिकरण और किसी अन्य दशा में प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण, अध्याय ५ में किसी प्रतिकूल बात के होते हुए भी, राज्य परिवहन उपक्रम को ऐसे परमिट देगा ।
२)इस प्रयोजन से कि अनुमोदित स्कीम अधिसूचित क्षेत्र या अधिसूचित मार्ग के बारे में कार्यान्वित की जाए, यथास्थिति, राज्य परिवहन प्राधिकरण या संबंधित प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण आदेश द्वारा, –
(a)क) कोई अन्य परमिट देने या उसका नवीकरण करने के किसी आवेदन को ग्रहण करने से इन्कार कर सकेगा अथवा किसी ऐसे आवेदन को नामंजूर कर सकेगा, जो लम्बित हो ;
(b)ख) किसी विद्यमान परमिट को रद्द कर सकेगा ;
(c)ग) किसी विद्यमान परमिट के निबन्धनों में ऐसे उपांतरण कर सकेगा कि-
एक) वह परमिट किसी विनिर्दिष्ट तारीख से आगे के लिए प्रभावहीन हो जाए ;
दोन) उस परमिट के अधीन प्रयुक्त किए जाने के लिए प्राधिकृत यानों की संख्या घट जाए ;
तीन) उस परमिट के अन्तर्गत क्षेत्र या मार्ग वहां तक कम हो जाए जहां तक कि वह परमिट अधिसूचित क्षेत्र या अधिसूचित मार्ग से संबंधित है ।
३)शंकाओं को दूर करने के लिए घोषित किया जाता है कि उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन राज्य परिवहन प्राधिकरण या किसी प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण द्वारा की गई किसी कार्रवाई या दिए गए आदेश के विरूध्द कोई अपील न होगी ।