Mv act 1988 धारा १०० : प्रस्थापना पर आपत्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १०० :
प्रस्थापना पर आपत्ति :
१) राजपत्र में किसी स्कीम के संबंध में प्रस्थापना के प्रकाशन पर तथा उस क्षेत्र या मार्ग में, जिसमें ऐसी स्कीम चलाने की प्रस्थापना है, परिचालित प्रादेशिक भाषा के कम से कम एक समाचारपत्र में प्रकाशन पर कोई भी व्यक्ति राजपत्र में उसके प्रकाशन की तारीख से तीस दिन के अन्दर उसके बारे में आपत्तियां राज्य सरकार के समक्ष फाइल कर सकेगा ।
२)राज्य सरकार ऐसी आपत्तियों पर विचार करने के पश्चात् तथा आपत्तिकर्ता या उसके प्रतिनिधियों, और राज्य परिवहन उपक्रम के प्रतिनिधियों को, यदि वे ऐसा चाहें, इस विषय में सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् ऐसी प्रस्थापना का अनुमोदन या उसमें परिवर्तन कर सकेगी ।
३)उपधारा (२) के अधीन अनुमोदित या उपांतरित रूप में प्रस्थापना से संबंधित स्कीम तब ऐसी स्कीम बनाने वाली राज्य सरकार द्वारा राजपत्र में और उस स्कीम के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र या मार्ग में परिचालित प्रादेशिक भाषा के कम से कम एक समाचारपत्र में प्रकाशित की जाएगी और वैसा हो जाने पर वह राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को अन्तिम होगी तथा अनुमोदित स्कीम कही जाएगी और जिस क्षेत्र या मार्ग से वह संबंधित है वह अधिसूचित क्षेत्र या अधिसूचित मार्ग कहलाएगा :
परन्तु ऐसी कोई स्कीम, जो किसी अंतरराज्यिक मार्ग से संबंधित है, तभी अनुमोदित स्कीम समझी जाएगी जब उस पर केन्द्रीय सरकार का पूर्व अनुमोदन हो; अन्यथा नहीं ।
४) इस धारा में किसी बात के होते हुए भी, जहां कोई स्कीम उपधारा (१) के अधीन स्कीम से संबंधित प्रस्थापना के राज्यपत्र में प्रकाशन की तारीख से एक वर्ष की अवधि के अन्दर राजपत्र में उपधारा (३) के अधीन अनुमोदित स्कीम के रूप में प्रकाशित नहीं की जाती है वहां वह प्रस्थापना व्यपगत हो गई समझी जाएगी ।
स्पष्टीकरण ;
इस उपधारा में निर्दिष्ट एक वर्ष की अवधि की संगणना करने में ऐसी कालावधि या कालावधियां जिनके दौरान उपधारा (३) के अधीन अनुमोदित स्कीम का प्रकाशन किसी न्यायालय के रोक आदेश या आदेश के कारण रूक गया था, अपवर्जित कर दी जाएंगी ।

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