किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ९८ :
किसी संस्था में रखे गए बालक को अनुपस्थिति की इजाजत ।
१) यथास्थिति, बोर्ड या समिति, किसी बालक को विशेष अवसरों जैसे परीक्षा, नातेदारों का विवाह, मित्र या परिजन की मृत्यु या दुर्घटना या माता-पिता के गंभीर रोग या ऐसी ही प्रकृति की आकस्मिकता पर पर्यवेक्षण के अधीन साधारणतया एक बार में सात दिन से अनधिक की अवधि के लिए, जिसके अंतर्गत यात्रा में लगने वाला समय नहीं है, अनुज्ञात करने के लिए अनुपस्थिति की इजाजत दे सकेगा ।
२) उस समय को, जिसके दौरान कोई बालक उस संस्था से, जिसमें उसे रखा गया है, इस धारा के अधीन दी गई अनुज्ञा के अनुसरण में अनुपस्थित है, उस समय का भाग माना जाएगा जिसके लिए वह बाल गृह या विशेष गृह में रखे जाने का भागी है ।
३) यदि कोई बालक, छुट्टी की अवधि की समाप्ति पर या अनुज्ञा प्रतिसंह्रत या समपृहत किए जाने पर यथास्थिति, बाल गृह या विशेष गृह में वापस आने से इंकार करता है या आने में असफल रहता है तो बोर्ड या समिति यदि आवश्यक हो तो उसे भारसाधन में लाएगी और संबंधित गृह में वापस करेगी ।
परंतु विधि का उल्लंघन करने वाला कोई बालक छुट्टी की अवधि समाप्ति पर या अनुज्ञा प्रतिसंह्रत या समपह्रत किए जाने पर विशेष गृह में वापस आने में असफल रहता है तो उस अवधि का, जिसके लिए वह संस्था में रखे जाने का अभी भी भागी है, बोर्ड द्वारा उस अवधि में बराबर अवधि तक, जो ऐसी असफलता के कारण समाप्त हो गई है, विस्तार कर दिया जाएगा ।