JJ act 2015 धारा ३२ : संरक्षक से पृथक् पाए गए बालक के बारे में अनिवार्य रुप से रिपोर्ट करना ।

किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ३२ :
संरक्षक से पृथक् पाए गए बालक के बारे में अनिवार्य रुप से रिपोर्ट करना ।
१) कोई व्यष्टि या कोई पुलिस अधिकारी या किसी संगठन या परिचर्या गृह या अस्पताल या प्रसूति गृह का कोई कृत्यकारी, जिसे किसी ऐसे बालक का पता चलता है या उसका भारसाधन लेता है या जिसे वह सौपा जाता है जो परित्यक्त या खोया हुआ प्रतीत होता है या जिसके बारे में परित्यक्त या खोए होने का दावा किया जाता है या ऐसा बालक जो बिना कुटुंब की संभाल के अनाथ प्रतीत होता है या जिसके अनाथ होने का दावा किया जाता है, चौबीस घंटे के भीतर ( यात्रा के लिए आवश्यक समय को छोडकर ), यथास्थिति, बालबद्ध सेवाओं, निकटतम पुलिस थाने को या किसी बालक कल्याण समिति को या जिला बालक संरक्षण एकक को इत्तिला देगा या बालक को इस अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत बाल देखरेख संस्था को सौंपेगा ।
१.(२) उपधारा (१) में निर्दिष्ट बालक से संबंधित सूचना, यथास्थिति, समिती या जिला बालक संरक्षण एकक अथवा बालक देखरेख संस्था द्वारा इस संबंध में केन्द्रीय सरकार द्वारा यथाविनिर्दिष्ट पोर्टल पर अपलोड की जाएगी ।)
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१. २०२१ के अधिनियम सं० २३ की धारा १० द्वारा उपधारा (२) के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

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