JJ act 2015 धारा ३० : समिति के कृत्य और उत्तरदायित्व ।

किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ३० :
समिति के कृत्य और उत्तरदायित्व ।
समिति के कृत्यों ओैर उत्तरदायित्वों में निम्नलिखित सम्मिलित होंगे :-
एक) उसके समक्ष पेश किए गए बालकों का संज्ञान लेना और उन्हे ग्रहण करना ;
दो) इस अधिनियम के अधीन बालकों की सुरक्षा और भलाई से संबंधित और उसको प्रभावित करने वाले सभी मुद्दों की जांच करना;
तीन) बालक कल्याण अधिकारियों या परिवीक्षा अधिकारियों या जिला बालक संरक्षण एकक या गैर-सरकारी संगठनों को सामाजिक अन्वेषण करने और समिति के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निदेश देना ;
चार) देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों की देखरेख करने हेतु योग्य व्यक्ति की घोषणा करने के लिए जांच करना;
पांच) पोषण देखरेख के लिए किसी बालक के स्थानन का निदेश देना;
छ 🙂 बाल व्यष्टिक देखरेख योजना पर आधारित देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों की देखरेख, संरक्षण, समुचित पुनर्वास या प्रत्यावर्तन को सुनिश्चित करना और इस संबंध में माता-पिता या संरक्षक या योग्य व्यक्ति या बाल गृहों या उपयुक्त सुविधा तंत्र के लिए आवश्यक निदेश पारित करना;
सात) संस्थागत सहायता की अपेक्षा वाले प्रत्येक बालक के स्थानन के लिए, बालक की आयु, qलग, निर्योग्यता और आवश्यकताओं पर आधारित तथा संस्था की उपलब्ध क्षमता को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्रीकृत संस्था का चयन करना;
आठ) देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के आवासिक सुविधाओं का प्रत्येक मास में कम से कम दो बार निरीक्षण दौरा करना और जिला बालक संरक्षण एकक और राज्य सरकार को सेवाओं की क्वालिटी में सुधार करने के लिए कार्रवाई करने की सिफारिश करना;
नौ) माता-पिता द्वारा अभ्यर्पण विलेख के निष्पादन को प्रमाणित करना और यह सुनिश्चित करना कि उन्हें विनिश्चय पर पुन:विचार करने और कुटुंब को एक साथ रखने हेतु सभी प्रयास करने का समय दिया गया है;
दस) यह सुनिश्चित करना कि ऐसी सम्यक् प्रक्रिया का, जो विहित की जाए, अनुसरण करते हुए परित्यक्त या खोए हुए बालकों का, उनके कुटुंबों को प्रत्यावर्तन करने के लिए सभी प्रयास किए गए है;
ग्यारह) अनाथ, परित्यक्त और अभ्यर्पित बालक की सम्यक् जांच के पश्चात् दत्तकग्रहण के लिए वैध रुप से मुक्त होने की घोषणा;
बारह) मामलों का स्वप्रेरणा से संज्ञान लेना और ऐसे देखरेख ओैर संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों तक पहुंचना, जिन्हें समिति के समक्ष पेश नहीं किया गया है, परंतु ऐसा तब जब ऐसा विनिश्चय कम से कम तीन सदस्यों द्वारा लिया गया हो;
तेरह) लैंगिक रुप से दुव्र्यवहार से ग्रस्त ऐसे बालकों के पुनर्वास के लिए कार्रवाई करना जो लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, २०१२ के अधीन, यथास्थिति, विशेष किशोर पुलिस एकक या स्थानीय पुलिस द्वारा समिति को देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के रुप में ज्ञापित है;
चौदह) धारा १७ की उपधारा (२) के अधीन बोर्ड द्वारा निर्दिष्ट मामलों में कार्रवाई करना;
पंदरह) जिला बालक संरक्षण एकक या राज्य सरकार के समर्थन से बालकों की देखरेख और संरक्षण में अंतर्वलित पुलिस, श्रम विभाग और अभिकरणों के साथ समन्वय करना;
सोलह) समिति, किसी बालक देखरेख संस्था में किसी बालक से दुव्र्यवहार की शिकायत के मामले में जांच करेगी और यथास्थिति, पुलिस या जिला बालक संरक्षण एकक या श्रम विभाग या बालबद्ध सेवाओं को निदेश देगी;
सतराह) बालकों के लिए समुचित विधिक सेवाओं तक पहुंच बनाना;
अठाराह) ऐसी अन्य कृत्य और दायित्व, जो विहित किए जाएं ।

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