सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
धारा ७२ :
गोपनीयता और एकांतता भंग के लिए शास्ति :
इस अधिनियम या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय, यदि किसी व्यक्ति ने इस अधिनियम, इसके अधीन बनाए गए नियमों या विनियमों के अधीन प्रदत्त किन्हीं शक्तियों के अनुसरण में किी इलैक्ट्रानिक अभिलेख, पुस्तक, रजिस्टर, पत्राचार, सूचना, दस्तावेज या अन्य सामग्री से सम्बध्द व्यक्ति की सहमति के बिना पहुंच प्राप्त कर ली है, और वह किसी व्यक्ति को उस इलैक्ट्रानिक अभिलेख, पुस्तक, रजिस्टर, पत्राचार, सूचना दस्तावेज या अन्य सामग्रीय को प्रकट करता है तो वह ऐसे १.(ऐसी शास्ति के लिए दायी होगा, जो पांच लाख रुपए तक की हो सकेगी।)
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१. जन विश्वास (संशोधन) अधिनियम २०२३ (२०२३ का १८) की धारा २ और अनुसूची द्वारा (कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक हो सकेगी, या ऐसे जुर्माने से, जो एक लाख रूपए तक का हो सकेगा, अथवा दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।