सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
धारा ६क :
१.(सेवा प्रदाता द्वारा सेवाओं का परिदान :
१) समुचित सरकार, इस अध्याय के प्रयोजनों के लिए और इलैक्ट्रानिक साधनों के माध्यम से, जनता को सेवाओं के दक्ष परिदान के लिए, आदेश द्वारा, किसी सेवा प्रदाता को कंप्यूटरीकृत सुविधाओं की स्थापना, अनुरक्षण और उन्नयन और ऐसी अन्य सेवाओं का अनुपालन करने के लिए प्राधिकृत कर सकेगी, जो वह राजपत्र में अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे ।
स्पष्टीकरण- इस धारा के प्रयोजनों के लिए इस प्रकार प्राधिकृत सेवा प्रदाता के अंतर्गत ऐसा कोई व्यष्टि, प्राइवेट अभिकरण, प्राइवेट कंपनी, भागीदारी फर्म, एकल स्वत्वधारी फर्म या कोई ऐसा अन्य निकाय या अभिकरण भी है जिसे ऐसे सेवा सैक्टर को शासित करने वाली नीति के अनुसार इलैक्ट्रानिक साधनों के माध्यम से सेवाएं प्रस्थापित करने के लिए समुचित सरकार द्वारा अनुज्ञा दी गई है ।
२)सुमचित सरकार, उपधारा (१) के अधीन प्राधिकृत किसी सेवा प्रदाता को, ऐसे सेवा प्रभार, जो ऐसी सेवा का उपभोग करने वाले व्यक्ति से ऐसी सेवा प्रदान करने के प्रयोजन के लिए समुचित सरकार द्वारा विहित किए जांए , संगृहीत, प्रतिधारित और विनियोजित करने के लिए भी प्राधिकृत कर सकेगी ।
३) उपधारा (२) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, समुचित सरकार इस तथ्य के होते हुए भी कि इस अधिनियम, नियम, विनियम या अधिसूचना के अधीन ऐसा कोई अभिव्यक्त उपबंध नहीं है, जिसके अधीन सेवा प्रदाताओं द्वारा ई-सेवा प्रभारों का संग्रहण, प्रतिधारण, और विनियोजन करने के लिए सेवा प्रदान की जाती है, इस धारा के अधीन सेवा प्रदाताओं को सेवा प्रभारों का संग्रहण, प्रतिधारण, विनियोजन करने के लिए प्राधिकृत कर सकेगी ।
४)समुचित सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, उन सेवा प्रभारों का मापमान विनिर्दिष्ट करेगी जो इस धारा के अधीन सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रभारित और संगृहीत किए जा सकेंगे :
परंतु समुचित सरकार विभिन्न प्रकार की सेवाओं के लिए सेवा प्रभारों के विभिन्न मापमान विनिर्दिष्ट कर सकेगी ।)
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१. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा ७ द्वारा अंत:स्थापित ।