भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४३८ :
धारा ४३७ में वर्णित, अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा की गई रिष्टि के लिए दण्ड :
(See section 327(2) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : पिछली धारा में वर्णित रिष्टि जब अग्नि या किसी विस्फोटक पदार्थ द्वारा की गई हो ।
दण्ड :आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई अग्नि या किसी विस्फोटक पदार्थ द्वारा ऐसी रिष्टि करेगा या करने का प्रयत्न करेगा, जैसी अन्तिम पूर्ववर्ती धारा में वर्णित है, वह १.(आजीवन कारावास) से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
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१. १९५५ के अधिनियम सं० २६ की धारा ११७ और अनुसूची द्वारा आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित ।