Ipc धारा ३८० : निवास गृह, आदि में चोरी :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३८० :
निवास गृह, आदि में चोरी :
(See section 305 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : निर्माण (निवास-गृह), तम्बू या जलयान में चोरी ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई ऐसे किसी निर्माण, तम्बू या जलयान में चोरी करेगा, जो निर्माण, तम्बू या जलयान मानव निवास के रुप में, या संपत्ति के अभिरक्षा के रुप में , उपयोग में आता हो, वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से दण्डनीय होगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।

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