भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २६० :
किसी सरकारी कूटकृत स्टाम्प (मुद्रांकित पत्र) को कूटकृत जानते हुए उसे असली स्टाम्प के रुप में उपयोग में लाना :
(See section 179 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी सरकारी स्टाम्प को कूटकृत जानते हुए उसे असली स्टाम्प के रुप में उपयोग में लाना ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी ऐसे स्टाम्प (मुद्रांकित पत्र) को, जिसे वह जानता है कि वह सरकार द्वारा राजस्व के प्रयोजन के लिए प्रचालित स्टाम्प (मुद्रांकित पत्र) की कूटकृति है, असली स्टाम्प के रुप में उपयोग में लाएगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
