भारतीय दण्ड संहिता १८६०
अध्याय ४ :
साधारण अपवाद :
धारा ७६ :
विधि द्वारा बंधा हुआ या तथ्य(वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा बंधा हुआ होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य :
(See section 14 of BNS 2023)
कोई बात, जो किसी ऐसे व्यक्ती द्वारा की जाए जो उसे करने के लिए विधि द्वारा बंधा हुआ हो या जो तथ्य की भूल के कारण, न की विधि की भूल के कारण, सद्भावपूर्वक विश्वास करता हो कि वह उसे करने के लिए विधि द्वारा बंधा हुआ है ; वह अपराध नहीं है।
दृष्टांत :
क) विधि के समादेशों के अनुवर्तन में अपने वरिष्ठ आफिसर के आदेश से एक सैनिक (क) भीड पर गोली चलाता है । (क) ने कोई अपराध नहीं किया ।
ख) न्यायालय का आफिसर (क), (म) को गिरफ्तार करने के लिए उस न्यायालय द्वारा आदिष्ट किए जाने पर और सम्यक् जांच के पश्चात् यह विश्वास करके कि (य), (म) है, (य) को गिरफ्तार कर लेता है । (क) ने कोई अपराध नहीं किया ।