भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४५३ :
प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) या गृह भेदन के लिए दण्ड :
(See section 331 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन ।
दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार या गृह भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।