भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३८७ :
उद्यापन (बलातग्रहन) करने के लिए किसी व्यक्ती को मृत्यु या घोर उपहति के भय में डालना :
(See section 308(5) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : उद्दापन करने के लिए किसी व्यक्ति को मृत्यु या घोर उपहति के भय में डालेगा या डालने का प्रयत्न करना ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई उद्यापन (बलातग्रहन) करने के लिए किसी व्यक्ती के स्वयं उसकी या किसी अन्य व्यक्ती की मृत्यु या घोर उपहति के भय में डालेगा या भय में डालने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।