Ipc धारा ३५५ : गंभीर प्रकोपन (उत्तेजना) होने से अन्यथा किसी व्यक्ती का अनादर करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३५५ :
गंभीर प्रकोपन (उत्तेजना) होने से अन्यथा किसी व्यक्ती का अनादर करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग :
(See section 133 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : गंभीर और अचानक प्रकोपन होने से अन्यथा किसी व्यक्ति का निरादर करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग ।
दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दानों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति जिस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग किया गया है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
——–
जो कोई किसी व्यक्ती पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग उस व्यक्ती द्वारा गंभीर और अचानक प्रकोपन दिए जाने पर करने से अन्यथा इस आशय से करेगा कि तद्द्वारा उसका अनादर किया जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

Leave a Reply