भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३४३ :
तीन या अधिक दिनों के लिए सदोष परिरोध :
(See section 127(3) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : तीन या अधिक दिनों के लिए सदोष परिरोध ।
दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : परिरुद्ध व्यक्ति ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी व्यक्ती का सदोष परिरोध तीन या अधिक दिनों के लिए करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।