भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २०६ :
समपहरण किए जाने में या निष्पादन में अभिगृहीत किए जाने से निवारित करने के लिए संपत्ति को कपटपूर्वक हटाना या छिपाना :
(See section 243 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : सम्पत्ति को समपहरण के रुप में या दंडादेश के अधीन जुर्माना चुकाने में या डिक्री के निष्पादन में अभिगृहीत किए जाने से निवारित करने के लिए उसे कपटपूर्वक हटाना या छिपाना, आदि ।
दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी सम्पत्ति को , या उसमें के किसी हित को इस आशय से कपटपर्वक हटाएगा, छिपाएगा या किसी व्यक्ती को अन्तरित या परिदत्त करेगा, कि तद्द्वारा वह उस संपत्ति या उसमें के किसी हित का ऐसे दण्डादेश के अधीन जो न्यायालय या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा सुनाया जा चुका है या जिसके बारे में वह जानता है कि न्यायालय या अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा उसका सुनाया जाना संभाव्य है, समपहरण के रुप में या जुर्माने के चुकाने के लिए लिया जाना या डिक्री या आदेश के निष्पादन में (अंमल में), जो सिविल वाद न्यायालय द्वारा दिया गया हो या जिसके बारे में वह जानता है कि सिविल वाद में न्यायालय द्वारा उसका सुनाया जाना संभाव्य है, लिया जान निवारित (रोकना) करे, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।