Ipc धारा १४६ : बल्वा (उपद्रव / दंगा) करना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा १४६ :
बल्वा (उपद्रव / दंगा) करना :
(See section 191(1) of BNS 2023)
जब कभी विधिविरुद्ध जमाव द्वारा या उसके किसी सदस्य द्वारा ऐसे जमाव के सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में बल या हिंसा का प्रयोग किया जाता है तब ऐसे जमाव का हर सदस्य बल्वा करने के अपराध का दोषी होगा ।

धारा १४७ :
बल्वा (उपद्रव / दंगा) करने के लिए दण्ड :
(See section 191(2) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : बल्वा करना ।
दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट
———
जो कोई बल्वा करने का दोषी होगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
राज्य संशोधन
मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ :
न्यायालय की अनुमति से, उस व्यक्ती द्वारा शमनीय जिसके विरुद्ध अपराध कारित करते समय बल या हिंसा प्रयुक्त की गई है, परन्तु यह कि अभियुक्त किसी अन्य अशमनीय अपराध का आरोपी नहीं है ।

धारा १४८ :
घातक आयुध (शस्त्र) से सज्जित होकर बल्वा (दंगा / उपद्रव) करना :
(See section 191(3) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : घातक आयुध से सज्जित होकर बल्वा करना ।
दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट
————
जो कोई घातक आयुध से, या किसी ऐसी चीज से जिससे आक्रामक आयुध के रुप में उपयोग किए जाने पर मृत्यु कारित होनी संभाव्य हो, सज्जित होते हुए बल्वा करने का दोषी होगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित होगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
राज्य संशोधन
मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ :
न्यायालय की अनुमति से, उस व्यक्ती द्वारा शमनीय जिसके विरुद्ध अपराध कारित करते समय बल या हिंसा प्रयुक्त की गई है, परन्तु यह कि अभियुक्त किसी अन्य अशमनीय अपराध का आरोपी नहीं है ।

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