भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा १३५ :
सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अभित्यजन (संपरित्याग / छोडकर भागना / पलायन फरारी ) का दुष्प्रेरण :
(See section 163 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : आफिसर, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अभित्यजन का दुष्प्रेरण ।
दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट
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जो कोई १.(भारत सरकार) की सेना, २.(नौसेना या वायुसेना) के किसी ऑफिसर (अधिकारी), सैनिक, ३.(नौसैनिक या वायुसैनिक) द्वारा अभित्यजन किए जाने का दुष्प्रेरण करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
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१. विधि अनुकूलन आदेश १९५० द्वारा क्वीन के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. १९२७ के अधिनियम सं० १० की धारा २ और अनुसूची १ द्वारा या नौसेना के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
३. १९२७ के अधिनियम सं० १० की धारा २ और अनुसूची १ द्वारा या नौसैनिक के स्थान पर प्रतिस्थापित ।