अनुच्छेद ३१-ख : कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्य..
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३१-ख : कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण । १(अनुच्छेद ३१ क में अंतर्विष्ट उपबंधो की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, नौर्वी अनुसूची में विनिर्दिष्ट अधिनियमों और विनियमों में से और उनके उपबंधों में से कोई इस आधार… more »
अुनच्छेद ३१-ग : कुछ निदेशक तत्त्वों को प्रभावी करने..
भारत का संविधान : अुनच्छेद ३१-ग : कुछ निदेशक तत्त्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति । अनुच्छेद १३ में किसी बात के होते हुए भी, कोई विधि, जो २. (भाग ४ में अधिकथित सभी या किन्हीं तत्त्वों ) को सुनिश्चित करने के लिए राज्य की नीति को प्रभावी… more »
अुनच्छेद ३१-घ : निरसित ।
भारत का संविधान : अुनच्छेद ३१-घ : निरसित । ( राष्ट्र विरोधी क्रियाकलाप के संबंध में विधियों की व्यावृत्ति ) संविधान (तैंतालीसवां संशोधन ) अधिनियम, १९७७ की धारा २ द्वारा (१३-४-१९७८ से ) निरसित । ----------- १. संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७६ की… more »
अनुच्छेद ३२ : इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित..
भारत का संविधान : सांविधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद ३२ : इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार । १) इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए समुचित कार्यवाहियों द्वारा उच्चतम न्यायालय में समावेदन करने का… more »
अनुच्छेद ३२-क : निरसित ।
भारत का संविधान : अनुच्छेद ३२-क : निरसित । ( राज्य विधियों की सांविधानिक वैधता पर अनुच्छेद ३२ के अधीन कार्यवाहियों में विचार न किया जाना ) संविधान (तैंतालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७७ की धारा ३ द्वारा (१३-४-१९७८ से) निरसित । -------- १. संविधान (बयालीसवां… more »