भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी में अध्याय १५ धारा २९५ से धारा २९८ तक
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी में: अध्याय १५ : धर्म से संबंधित अपराधों के विषय में : धारा २९५ : किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना के स्थान को क्षति (नुकसान) करना या अपवित्र करना : अपराध का वर्गीकरण : दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, या… more »
Leave a comment »
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी में अध्याय १४ धारा २९० से धारा २९४ क तक
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी में: अध्याय १४ : लोक स्वास्थ्य,क्षेम (सुरक्षा) सुवधिा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में : धारा २९० : अन्यथा अनुपबंधित लोक न्यूसेंस (कंटक / उपताप / व्याधा) के लिए दण्ड : अपराध का वर्गीकरण : दण्ड :दो… more »
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी में अध्याय १४ धारा २८२ से धारा २८९ तक
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी में: धारा २८२ : असुरक्षित या अति लदे हुए जलयान में भाडे के लिए जलमार्ग से किसी व्यक्ती का प्रवहण (संवहन) : अपराध का वर्गीकरण : दण्ड :छह मास के लिए कारावास, या एक हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों। संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय… more »
Tags: ajinkya innovations, ipc in hindi, अध्याय १४, धारा २७७, धारा २८२, धारा २८६, धारा २८८, धारा २८९
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी में अध्याय १४ धारा २७५ से धारा २८१ तक
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी में: धारा २७५ : अपमिश्रित (मिलावट) औषधियों का विक्रय (बिक्री) : अपराध का वर्गीकरण : दण्ड :छह मास के लिए कारावास, या एक हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों। संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय । जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय । किस… more »
Tags: ajinkya innovations, ipc in hindi, अध्याय १४, धारा २७५, धारा २७६, धारा २७७, धारा २७९, धारा २८१
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी में अध्याय १४ धारा २६८ से धारा २७४ तक
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी में: अध्याय १४ : लोक स्वास्थ्य,क्षेम (सुरक्षा) सुवधिा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में : धारा २६८ : लोक न्यूसेंस (कंटक / उपताप / व्याधा) : वह व्यक्ती लोक न्यूसेंस (कंटक/उपताप) का दोषी है, जो कोई… more »