हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम १९५६
धारा २१ :
सम-सामयिक मृत्युओं के विषय में उपधारणा :
जहां कि दो व्यक्ति ऐसी परिस्थितियों में मरे हों जिनमें यह अभिनिश्चित हो कि उनमें से कोई दूसरे का उत्तरजीवी रहा या नहीं और रहा तो कौन सा, वहां जब तक प्रतिकूल साबित न किया जाए, सम्पत्ति के उत्तराधिकार सम्बन्धी सब प्रयोजनों के लिए यह उपधारणा की जाएगी कि कनिष्ठ ज्येष्ठ का उत्तरजीवी रहा।