हिंदू विवाह अधिनियम १९५५
१. (१९५५ का अधिनियम संख्यांक २५)
(१८ मई १९५५)
हिन्दुओं के विवाह से संबंधित विधिको संशोधित और संहिताबद्ध करने के लिए अधित्रनयम-
भारत गणराज्य के छठे वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रुप में यह अधिनियमित हो :-
प्रारम्भिक :
धारा १ :
संक्षिप्त नाम और विस्तार :
(१) यह अधिनियम हिन्दू विवाह अधिनियम, १९५५ कहा जा सकेगा ।
(२) इसका विस्तार २.(***) सम्पूर्ण भारत पर है और यह उन राज्यक्षेत्रों में, जिन पर इस अधिनियम का विस्तार है, अधिवसित उन हिन्दुओं को भी लागू है जो उक्त राज्यक्षेत्रों के बाहर हों ।
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१. इस अधिनियम का, १९६३ के विनियम सं० ६ की धारा २ और अनुसूची द्वारा (१-७-१९६५ से) दादरा और नागर हवेली पर और १९६३ के विनियम सं० ७ की धारा ३ और अनुसूची १ द्वारा (१-१०-१९६३ से) उपांतरों सहित पांडिचेरी पर विस्तार किया गया ।
२. २०१९ के अधिनियम सं० ३४ की धारा ९५ और पाचवी अनुसूची द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य के सिवाय शब्दों का लोप किया गया।