Hma 1955 धारा १८ : हिन्दू विवाह की कतिपय अन्य शर्तों के उल्लंघन के लिए दण्ड :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५
धारा १८ :
हिन्दू विवाह की कतिपय अन्य शर्तों के उल्लंघन के लिए दण्ड :
हर व्यक्ति जो अपना कोई ऐसा विवाह उपाप्त करेगा जो धारा ५ के खण्ड (तीन), (चार) १.(और (पाच)) में विनिर्दिष्ट शर्तों के उल्लंघन में इस अधिनियम के अधीन अनुष्ठापित किया गया हो वह-
२.((क) धारा ५ के खंड (तीन) में विनिर्दिष्ट शर्त के उल्लंघन की दशा में, कठोर कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा अथवा दोनों से;)
(ख) धारा ५ के खण्ड (चार) या खण्ड (पाच) में विनिर्दिष्ट शर्त के उल्लंघन की दशा में, सादे कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, अथवा दोनों से, ३.(***) दंडनीय होगा।
४.(***)
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१. १९७८ के अधिनियम सं० २ की धारा ६ और अनुसूची द्वारा (पाच) और (छह) के स्थान पर प्रतिस्थापित।
२. २००७ के अधिनियम सं० ६ की धारा २० द्वारा प्रतिस्थापित ।
३. १९७८ के अधिनियम सं० २ की धारा ६ और अनुसूची द्वारा (१-१०-१९७८ से) और शब्द का लोप किया गया।
४. १९७८ के अधिनियम सं० २ की धारा ६ और अनुसूची द्वारा लोप किया गया ।

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