Fssai धारा ७१ : अधिकरण की प्रक्रिया और शक्तियां :

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम २००६
धारा ७१ :
अधिकरण की प्रक्रिया और शक्तियां :
१) अधिकरण, सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ (१९०८ का ५) द्वारा अधिकथित प्रक्रिया द्वारा आबद्ध नहीं होगा किन्तु नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों द्वारा मार्गदर्शित होगा और इस अधिनियम और उसके अधीन बनाए गए नियमों के अन्य उपबंधों के अध्यधीन होगा, अधिकरण को अपनी प्रक्रिया को जिसके अन्तर्गत वह स्थान भी है जहां पर उसकी बैठकें होंगी, विनियमित करने की शक्तियां होंगी।
२) अधिकरण को, इस अधिनियम के अधीन अपने कृत्यों के निर्वहन के प्रयोजनों के लिए, निम्नलिखित मामलों के संबंध में वाद का विचारण करते समय वही शक्तियां होंगी जो सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ (१९०८ का ५) के अधीन, सिविल न्यायालय में निहित हैं, अर्थात् :-
(a) क) किसी व्यक्ति को समन करना और हाजिर कराना तथा शपथ पर उसकी परीक्षा करना;
(b) ख) दस्तावेजों या अन्य इलेक्ट्रानिक अभिलेखों की खोज करना और उन्हें पेश करने की अपेक्षा करना;
(c) ग) शपथ पत्रों पर साक्ष्य ग्रहण करना;
(d) घ) साक्षियों या दस्तावेजों की परीक्षा के लिए कमीशन निकालना;
(e) ङ) अपने विनिश्चयों का पुनर्विलोकन करना;
(f) च) व्यतिक्रम के लिए आवेदन खारिज करना या एकपक्षीय विनिश्चय करना;
(g) छ) कोई अन्य विषय, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए।
३) अधिकरण के समक्ष प्रत्येक कार्यवाही भारतीय दंड संहिता (१८६० का ४५) की धारा १९३ और धारा २२८ के अर्थान्तर्गत और धारा १९६ के प्रयोजनों के लिए न्यायिक कार्यवाही समझी जाएगी और अधिकरण दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) की धारा १९५ और अध्याय २६ के सभी प्रयोजनों के लिए सिविल न्यायालय समझा जाएगा।
४) अपीलार्थी या तो स्वयं उपसंजात हो सकेगा या एक या अधिक विधि व्यवसायियों या अधिक विधि व्यवसायियों या अपने किसी अधिकारी को अपने मामले का अधिकरण के समक्ष प्रतिनिधित्व करने के लिए प्राधिकृत कर सकेगा।
५) परिसीमा अधिनियम, १९६३ (१९६३ का ३६) के उपबंध, इस अधिनियम में जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय, अधिकरण को की गई अपील को लागू होंगे।
६) अधिकरण के किसी विनिश्चय या आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति, उसे अधिकरण के विनिश्चय या आदेश की संसूचना की तारीख से साठ दिन के भीतर उस आदेश से उद्भूत होने वाले किसी तथ्य या विधि के प्रश्न पर उच्च न्यायालय को अपील फाइल कर सकेगा :
परन्तु उच्च न्यायालय, यदि उसका यह समाधान हो जाता है कि अपीलार्थी किसी पर्याप्त कारण से उक्त अवधि के भीतर अपील फाइल करने से निवारित हुआ था, तो साठ दिन से अनधिक की और अवधि के भीतर फाइल करने के लिए अनुज्ञात कर सकेगा।

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