Fssai धारा ६९ : अपराधों के शमन की शक्ति :

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम २००६
धारा ६९ :
अपराधों के शमन की शक्ति :
१) खाद्य सुरक्षा आयुक्त, आदेश द्वारा, अभिहित अधिकारी को ऐसे छोटे विनिर्माता से जो स्वयं किसी खाद्य वस्तु का विनिर्माण और विक्रय करता है, खुदरा व्यापारी, फेरीवाले, भ्रमण विक्रेता, अस्थायी स्टाल धारकों से जिसके विरुद्ध कोई युक्तियुक्त विश्वास हो कि उसने इस अधिनियम के विरुद्ध कोई अपराध या उल्लंघन किया है, उस अपराध के, जिसके किए जाने का उस व्यक्ति पर संदेह है, शमन के लिए धनराशि का संदाय स्वीकार करने के लिए सशक्त कर सकेगा।
२) ऐसे अधिकारी को ऐसी धनराशि के संदाय पर संदिग्ध व्यक्ति को, यदि वह अभिरक्षा में है, उन्मोचित किया जाएगा, और ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध अपराध के संबंध में आगे कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।
३) उपधारा (१) के अधीन शमन के रूप में स्वीकार की गई या स्वीकार किए जाने के लिए तय की गई धनराशि एक लाख रुपए से अधिक नहीं होगी और धारा ४९ में विनिर्दिष्ट मार्गदर्शक सिद्धांतों को सम्यक् रूप से ध्यान में रखा जाएगा:
परंतु ऐसा कोई अपराध जिसके लिए इस अधिनियम के अधीन कारावास का दंड विहित किया गया है, शमनीय नहीं होगा ।

Leave a Reply