Fssai धारा ५९ : असुरक्षित खाद्य के लिए दंड :

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम २००६
धारा ५९ :
असुरक्षित खाद्य के लिए दंड :
कोई व्यक्ति जो, चाहे स्वयं या अपनी ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा मानव उपभोग के लिए किसी खाद्य वस्तु का, जो असुरक्षित है, विक्रय के लिए विनिर्माण करता है या भंडारण या विक्रय या वितरण या आयात करता है, –
एक) जहां ऐसी असफलता या उल्लंघन के परिणामस्वरूप क्षति कारित नहीं होती है वहां वह १.(कारावास से जो तीन मास तक का हो सकेगा और जुर्माने से भी, जो तीन लाख रुपए तक का हो सकेगा), दंडनीय होगा;
दो) जहां ऐसी असफलता या उल्लंघन के परिणामस्वरूप कोई घोर क्षति कारित नहीं होती है, वहां वह कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी जो तीन लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा;
तीन) जहां ऐसी असफलता या उल्लंघन के परिणामस्वरूप कोई घोर क्षति होती है वहां वह कारावास से जिसकी अवधि छह वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी जो पांच लाख रुपए तक हो सकेगा, दंडनीय होगा;
चार) जहां ऐसी असफलता या उल्लंघन के परिणामस्वरूप मृत्यु हो जाती है, वहां वह कारावास से जिसकी अवधि सात वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी जो दस लाख रुपए से कम नहीं होगा, दंडनीय होगा।
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१. जन विश्वास (संशोधन) अधिनियम २०२३ (२०२३ का १८) की धारा २ और अनुसूची द्वारा (कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।

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