Fssai धारा ३ : परिभाषाएं :

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम २००६
धारा ३ :
परिभाषाएं :
१) इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, –
(a) क) उपद्रव्य से ऐसी कोई सामग्री अभिप्रेत है, जिसका उपयोग खाद्या को असुरक्षित या अवमानक या मिथ्या छाप वाला बनाने के लिए किया जाता है या किया जा सकता है या जिसमें बाह्य पदार्थ अंतर्विष्ट है;
(b) ख) विज्ञापन से कोई श्रव्य या दृश्य प्रचार, किसी प्रकाश, ध्वनि, धुएं, गैस, मुद्रण, इलैक्ट्रानिक मीडिया, इंटरनेट या वैब साईट द्वारा किया गया रुपण या उद्घोषणा अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत किसी सूचना, परिपत्र, लेबल, लपेटन, बीजक या अन्य दस्तावेजों के माध्यम से प्रचार भी है;
(c) ग) अध्यक्ष से खाद्य प्राधिकरण का अध्यक्ष अभिप्रेत है;
(d) घ) दावे से ऐसा कोई अभ्यावेदन अभिप्रेत है, जिसमें यह कथन, सुझाव या विवक्षा की जाती है कि किसी खाद्य में उसके उद्भव, पोषक तत्व, प्रकृति, प्रसंस्करण, सम्मिश्रण या अन्यथा से संबंधित विशिष्ट क्वालिटियां है;
(e) ङ) खाद्य सुरक्षा आयुक्त से धारा ३० के अधीन नियुक्त खाद्य सुरक्षा आयुक्त अभिप्रते है;
(f) च) उपभोक्ता से ऐसे व्यक्ति और कुटुम्ब अभिप्रेत है जो अपनी वैयक्तिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खाद्य क्रय करते है या प्राप्त करते है;
(g) छ) संदूषक से ऐसा कोई पदार्थ अभिप्रेत है, चाहे वह खाद्य में मिलाया गया हो या नहीं किन्तु वह ऐसे खाद्या में ऐसे खाद्य के उत्पादन (जिसके अन्तर्गत कृषि कर्म, पशुपालन या पशु चिकित्सा औषधि में की गई संक्रियाएं भी है), विनिर्माण, प्रसंस्करण, निर्माण, उपचार, पैकिंग, पैकेजिंग, परिवहन या धारण करने के परिणामस्वरुप या पर्यावरणीय संदूषण के परिणामस्वरुप विद्यमान है और इसके अन्तर्गत कीट अवशेष, कृतंक रोम और अन्य बाह्या पदार्थ नहीं है;
(h) ज) अभिहित अधिकारी से धारा के ३६ अधीन नियुक्त अधिकारी अभिप्रेत है;
(i) झ) बाह्य पदार्थ से किसी खाद्य पदार्थ में अंतर्विष्ट कोई पदार्थ अभिप्रेत है, जो उसके विनिर्माण के लिए प्रयुक्त कच्ची सामग्री, पैकेजिंग सामग्री या प्रसंस्करण प्रणाली से आ सकता है, किन्तु ऐसा पदार्थ ऐसे खाद्य पदार्थ को असुरक्षित नहीं बनाता है;
(j) ञ) खाद्य से ऐसा कोई पदार्थ अभिप्रेत है, चाहे वह प्रसंस्कृत है, या आंशिक रुप से प्रसंस्कृत है या अप्रसंस्कृत है, जो मानव उपभोग के लिए आशयित है और जिसके अन्तर्गत खंड (यट) में परिभाषित सीमा तक प्राथमिक खाद्य, आनुवंशिक रुप से उपांतरित या निर्मित खाद्य या ऐसे संघटकों से युक्त खाद्य, शिशु खाद्य, पैक किया गया पीने का जल, अल्कोहाली पेय, चिविंगम, तथा कोई अन्य पदार्थ है, जिसके अन्तर्गत खाद्य के विनिर्माण, निर्माण या उपचार के दौरान प्रयुक्त किया गया जल भी है, किन्तु इसके अन्तर्गत कोई पशु खाद्य, जीवित पशु तब तक, जब तक कि उन्हें मानव उपभोग के लिए बाजार में लाने हेतु तैयार या प्रसंस्कृत नहीं किया जाता, कटाई से पूर्व पौधे, औषधि और औषधीय उत्पाद, प्रसाधन सामग्री, स्वापक या मन:प्रभावी पदार्थ नहीं है :
परन्तु केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, किसी अन्य वस्तु को, उसके उपयोग, प्रकृति, सार या क्वालिटी को ध्यान में रखते हुए, इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए खाद्य घोषित कर सकेगी;
(k) ट) खाद्य योज्यक से ऐसा कोई पदार्थ अभिप्रेत है, जिसका सामान्यत: स्वयं किसी खाद्य के रुप में उपभोग नहीं किया जाता है या जिसे खाद्य के विशिष्ट संघटक के रुप में उपयोग में लाया जाता है चाहे उसका पोषक मूल्य है या नहीं, ऐसे खाद्य के विनिर्माण, प्रसंस्करण, निर्माण, उपचार, पैकिंग, पैकेजिंग, परिवहन या धारण करने में प्रौद्योगिक (जिसके अन्तर्गत आर्गेनोलैप्टिक भी है) प्रयोजन के लिए खाद्य में जिसके साशय मिश्रण के परिणामस्वरुप प्रत्यक्षत: या परोक्षत: या युक्तियुक्त रुप से निर्माण की संभावना है या जिसका उपोत्पाद ऐसे खाद्य का संघटक बन जाता है, उसका निर्माण होता है या ऐसे खाद्य की विशेषताओं को अन्यथा प्रभावित करता है किन्तु इसके अन्तर्गत खाद्य में पोषक क्वालिटियों को बनाए रखने या उनमें सुधार करने के लिए मिलाए गए संदूषक या पदार्थ सम्मिलित नहीं है;
(l) ठ) खाद्य विश्लेषक से धारा ४५ के अधीन नियुक्त विश्लेषक अभिप्रेत है;
(m) ङ) खाद्य प्राधिकरण से धारा ४ के अधीन स्थापित भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण अभिप्रेत है;
(n) ढ) खाद्य कारबार से ऐसा कोई उपक्रम अभिप्रेत है, चाहे वह लाभ के लिए है या नहीं और चाहे वह सार्वजनिक है या प्राइवेट, जो खाद्य के विनिर्माण, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, भंडारण, परिवहन, वितरण, आयात के किसी प्रक्रम से संबंधित क्रियाकलापों में से कोई क्रियाकलाप कर रहा है और इसके अन्तर्गत खाद्य सेवाएं, जलपान सेवाएं, खाद्य या खाद्य संघटकों का विक्रय भी है;
(o) ण) खाद्य कारबार के संबंध में, खाद्य कारबार कर्ता से ऐसा व्यक्ति अभिप्रते है, जिसके द्वारा कारबार किया जाता है या जिसका वह स्वामी है तथा इस अधिनियम और इसके अधीन बनाए गए नियमों और विनियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी है;
(p) त) खाद्य प्रयोगशाला से केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार या किसी अन्य अभिकरण द्वारा स्थापित कोई खाद्य प्रयोगशाला या संस्थान अभिप्रते है और जो परीक्षण और मूल्यांकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड या किसी समतुल्य प्रत्यायन अभिकरण द्वारा प्रत्यायित है तथा धारा ४३ के अधीन खाद्य प्राधिकरण द्वारा मान्यताप्राप्त है;
(q) थ) खाद्य सुरक्षा से यह आश्वास अभिप्रेत है कि खाद्य उसके आशयित उपयोग के अनुसार मानव उपभोग के लिए स्वीकार्य है;
(r) द) खाद्य सुरक्षा संपरीक्षा से यह अवधारित करने के लिए कि क्या ऐसे उपाय और संबंधित परिणाम खाद्य सुरक्षा और उस निमित्त किए गए दावों के उद्देश्यों को पूरा करते है विनिर्माण इकाइयों द्वारा अपनाए गए खाद्य सुरक्षा उपायों की क्रमबद्ध और क्रियात्मक रुप से स्वतंत्र जांच अभिप्रेत है;
(s) ध) खाद्य सुरक्षा प्रबन्ध प्रणाली से अच्छी विनिर्माण पद्धतियों, अच्छी स्वास्थ्यकर पद्धतियों, परिसंकट विश्लेषण और संकटकालीन नियंत्रर केन्द्र तथा अन्य ऐसी पद्धतियों, जो खाद्य कारबार के लिए विनियमों द्वारा विनिर्दिष्ट की जाएं, का अपनाया जाना अभिप्रते है;
(t) न) खाद्य सुरक्षा अधिकारी से धारा ३७ के अधीन नियुक्त अधिकारी अभिप्रेत है;
(u) प) परिसंकट से खाद्य में ऐसा कोई जैविक, रासायनिक या भौतिक कारक या खाद्य की अवस्था अभिप्रेत है, जो प्रभावी रुप से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव कारित करता है;
(v) फ) आयात से किसी खाद्य पदार्थ को भारत में भूमि, समुद्र या वायु मार्ग द्वारा लाना अभिप्रेत है;
(w) ब) सुधार सूचना से इस अधिनियम की धारा ३२ के अधीन जारी की गई सूचना अभिप्रेत है;
(x) भ) शिशु-खाद्य और शिशु दुग्ध अनुकल्प के वही अर्थ है, जो उनके शिशु दुग्ध अनुकल्प, पोषण बोतल और शिशु-खाद्य (उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम १९९२ (१९९२ का ४१) की धारा २ की उपधारा (१) के क्रमश: खण्ड (च) और खण्ड (छ) में है;
(y) म) संघटक से कोई पदार्थ अभिप्रेत है, जिसके अन्तर्गत खाद्य के विनिर्माण या निर्मिति में प्रयुक्त कोई खाद्य योज्यक भी है और जो अन्तिम उत्पाद् में, संभवत: उपान्तरित रुप में, विद्यमान है;
(z) य) लेबल से अभिप्रेत है किसी खाद्य पैकेज के आधान, कवर, डाट या ढक्कन पर लगा कोई टैग, ब्रांड, चिन्ह, चित्रित या अन्य वर्णित सामग्री जो लिखित, मुद्रित, स्टैंसिलीकृत, चिन्हित, उत्कीर्णित, ग्राफिक, छिद्रित, स्टांपीकृत या छपी है और इसके अंतर्गत अंतःस्थापित उत्पाद भी है;
(za) यक) अनुज्ञप्ति से धारा ३१ के अधीन अनुदत्त अनुज्ञप्ति अभिप्रेत है;
(zb) यख) स्थानीय क्षेत्र से ऐसा कोई नगरीय या ग्रामीण क्षेत्र अभिप्रेत है, जिसे इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए स्थानीय क्षेत्र के रूप में खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा अधिसूचित किया गया है;
(zc) यग) विनिर्माण से संघटकों के किसी खाद्य पदार्थ में संपरिवर्तन के लिए कोई प्रक्रिया या अंगीकरण या कोई उपचार अभिप्रेत हैं, जिसके अन्तर्गत किसी खाद्य पदार्थ के विनिर्माण की कोई आनुषंगिक या प्रासंगिक उप प्रक्रिया भी है;
(zd) यघ) विनिर्माता से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है, जो विक्रय के लिए किसी खाद्य पदार्थ के विनिर्माण के कारबार में लगा है और इसके अन्तर्गत ऐसा व्यक्ति भी है, जो विक्रय के लिए ऐसे खाद्य को, किसी अन्य व्यक्ति से अभिप्राप्त करता है और पैक करता है तथा उस पर लेबल लगाता है या ऐसे प्रयोजनों के लिए केवल लेबल लगाता है;
(ze) १.(यङ) सदस्य के अंतर्गत खाद्य प्राधिकरण का कोई अंशकालिक सदस्य और अध्यक्ष भी है;)
(zf) यच) मिथ्या छाप वाला खाद्य से कोई खाद्य पदार्थ अभिप्रेत है –
(A) (अ) यदि वह –
एक) (a) क) पैकेज के लेबल के ऊपर; या
(b) ख) विज्ञापन के द्वारा,
मिथ्या, भ्रामक या प्रबंधक दावे के साथ विक्रय के लिए प्रस्थापित किए जाने या संवर्धित किए जाने; या
दो) ऐसे नाम से, जो किसी अन्य खाद्य पदार्थ का है, विक्रय किए जाने; या
तीन) पदार्थ के विनिर्माता या उत्पादक के रूप में किसी कल्पित व्यष्टि या कम्पनी के नाम से जो पदार्थ वाले पैकेज पर लिखा है या पैकेज पर लेबल लगा है, विक्रय के लिए प्रस्थापित या संवर्धित करने के लिए तात्पर्यित है या प्रस्तुत किया जाता है या प्रस्थापित या संवर्धित किया जा रहा है;
(B) (आ) यदि पदार्थ ऐसे पैकेजों में विक्रय किया जाता है जो विनिर्माता या उत्पादक के द्वारा या उसके कहने पर मोहरबंद या तैयार किए गए हैं और जिन पर उसका नाम और पता है किन्तु –
एक) वह किसी अन्य खाद्य पदार्थ की, जिसके नाम से उसका विक्रय किया जाता है, नकल है, या उसके स्थान पर प्रतिस्थापित है या उससे इस प्रकार मिलता-जुलता है कि धोखा हो जाए और उस पर उसका असली रूप उपदर्शित करने के लिए स्पष्ट और सहजदृश्य रूप से लेबल नहीं लगाया गया है; या
दो) पदार्थ वाले पैकेज या पैकेज पर लेबल में उसमें अन्तर्विष्ट संघटकों या तत्वों के बारे में कोई ऐसा कथन, डिजाइन या अभिलक्षण है जो किसी सारवान् विशिष्टि में मिथ्या या भुलावा देने वाली है, या यदि पैकेज अपनी अन्तर्वस्तुओं के बारे में अन्यथा धोखा देने वाला है;
तीन) किसी स्थान या देश के उत्पाद के रूप में जिस पदार्थ की विक्रय के लिए प्रस्थापना की गई है, वह मिथ्या है; या
(C) (इ) यदि पैकेज में अन्तर्विष्ट पदार्थ-
एक) कोई कृत्रिम सुरुचिकारक, कृत्रिम रंजक या रासायनिक परिरक्षी से युक्त है और पैकेज पर उस तथ्य का कथन वाला घोषणात्मक लेबल नहीं लगा है या इस अधिनियम या तद्धीन बनाए गए नियमों की अपेक्षाओं के अनुसार उस पर लेबल नहीं लगाया गया है या उसके उल्लंघन में है; या
दो) विशेष आहार उपयोगों के लिए विक्रय के लिए प्रस्थापित किया गया है जब तक कि उसके लेबल पर, उसके विटामिन, खनिज या अन्य आहार तत्वों के बारे में ऐसी जानकारी, जो विनियमों द्वारा विनिर्दिष्ट की जाए, ऐसे उपयोग के लिए उसके गुणों के बारे में उसके क्रेता को पर्याप्त रूप से सूचित करने के लिए उसके लेबल में नहीं दी गई है; या
तीन) उसके बाहर उसके बारे में सहजदृश्य रूप से या सही रूप से कथित नहीं है कि वह इस अधिनियम के अधीन अधिकथित परिवर्तिता की सीमाओं के भीतर हैं;
(zg) यछ) अधिसूचना से राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना अभिप्रेत है;
(zh) यज) पैकेज से ऐसा पूर्व पैक बाक्स, बोतल, संदूकची, टिन, बैरल, डिब्बा, पाऊच, पात्र, बोरी, थैला, रैपर या ऐसी कोई अन्य चीज अभिप्रेत है, जिसमें खाद्य पदार्थ पैक किया जाता है;
(zi) यझ) परिसर के अन्तर्गत कोई ऐसी दुकान, स्टाल, होटल, रेस्तरां, एयरलाइन सेवाएं और खाद्य कैंटीनें, स्थान या यान या जलयान भी हैं, जहां कोई खाद्य पदार्थ विक्रय किया जाता है या विक्रय के लिए विनिर्मित किया जाता है या भण्डार में रखा जाता है; य
(zj) यञ) विहित से इस अधिनियम के अधीन, यथास्थिति, केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है;
(zk) यट) प्राथामिक खाद्य से ऐसा खाद्य पदार्थ अभिप्रेत है जो कृषि, या बागवानी या पशुपालन और डेयरी या जल-कृषि के अपने प्राकृतिक रूप में उत्पाद है, जो कृषक या मछुआरे से भिन्न व्यक्ति के हाथों से उगाए जाने, खड़े किए जाने, जुताई, चुनने, कटाई, संग्रहण या बीनने के परिणामस्वरूप उत्पादित होता है;
(zl) यठ) प्रतिषेध आदेश से इस अधिनियम की धारा ३३ के अधीन जारी किया गया आदेश अभिप्रेत है;
(zm) यड) किसी खाद्य पदार्थ के संबंध में जोखिम से ऐसे खाद्य के उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर खाद्य परिसंकट के परिणामस्वरूप प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभाव्यता और उस प्रभाव की गंभीरता अभिप्रेत है;
(zn) यढ) किसी खाद्य पदार्थ के संबंध में जोखिम विश्लेषण से ऐसी प्रक्रिया अभिप्रेत है जिसमें तीन स्तर अर्थात् जोखिम निर्धारण, जोखिम प्रबन्ध और जोखिम संसूचना है;
(zo) यण) जोखिम निर्धारण से कोई वैज्ञानिक रूप से आधारित प्रक्रिया अभिप्रेत है, जिसमें निम्नलिखित कदम सम्मिलित हैं: (एक) परिसंकट की पहचान, (दो) परिसंकट का लक्षण-वर्णन, (तीन) उच्छन्न निर्धारण, और (चार) जोखिम का लक्षण-वर्णन;
(zp) यत) जोखिम संसूचना से जोखिम निर्धारकों, जोखिम प्रबन्धकों, उपभोक्ताओं, उद्योग, शैक्षणिक समुदाय और अन्य हितबद्ध पक्षकारों के बीच जोखिम, जोखिम संबंधी कारकों और जोखिम अवधारणाओं से संबंधित जोखिम विश्लेषण प्रक्रिया के दौरान सूचना और रायों का पारस्परिक विनिमय अभिप्रेत है, जिसके अन्तर्गत जोखिम निर्धारण निष्कर्षो और जोखिम प्रबन्ध विनिश्चयों के आधार का स्पष्टीकरण भी है;
(zq) यथ) जोखिम प्रबन्ध से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के संरक्षण के लिए और उचित व्यापारिक व्यवहारों के संवर्धन के लिए, जोखिम निर्धारण और अन्य सुसंगत पहलुओं पर विचार करते हुए, सभी हितबद्ध पक्षकारों के परामर्श से मूल्यांकन जोखिम निर्धारण से भिन्न और यदि आवश्यक हो तो, उचित निवारण और नियंत्रण विकल्पों का चयन करने की प्रक्रिया अभिप्रेत है;
(zr) यद) अपने व्याकरणिक रूपों और सजातीय पदों सहित विक्रय से मानव उपभोग या उपयोग के लिए या विश्लेषण के लिए किसी खाद्य पदार्थ का विक्रय अभिप्रेत है, चाहे वह नकद हो या उधार पर हो या विनिमय के रूप में हो, और थोक में हो, या फुटकर में हो और किसी ऐसे पदार्थ के विक्रय के लिए करार करना या विक्रय के लिए प्रस्थापना करना या उसे विक्रय के लिए अभिदर्शित करना या विक्रय के लिए कब्जे में रखना इसके अन्तर्गत है और किसी ऐसे पदार्थ का विक्रय करने का प्रयत्न भी इसके अन्तर्गत आता है;
(zs) यध) नमूने से किसी खाद्य पदार्थ का नमूना अभिप्रेत है जो इस अधिनियम के या तद्धीन बनाए गए किन्हीं नियमों और विनियमों के उपबन्धों के अधीन लिया गया है;
(zt) यन) विनियमों द्वारा विनिर्दिष्ट से खाद्य प्राधिकरण द्वारा बनाए गए विनियमों द्वारा विनिर्दिष्ट अभिप्रेत है;
(zu) यप) किसी खाद्य पदार्थ के संबंध में, मानक से खाद्य प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित मानक अभिप्रेत है;
(zv) यफ) संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में, राज्य सरकार से संविधान के अनुच्छेद २३९ के अधीन राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त संघ राज्यक्षेत्र का प्रशासक अभिप्रेत है;
(zw) यब) पदार्थ के अन्तर्गत कोई प्राकृतिक या कृत्रिम पदार्थ या अन्य वस्तु अभिप्रेत है, चाहे वह ठोस अवस्था में हो या द्रव रूप या गैस या वाष्प रूप में;
(zx) यभ) अवमानक से कोई खाद्य पदार्थ तब अवमानक समझा जाएगा यदि वह विनिर्दिष्ट मानकों को पूरा नहीं करता है किन्तु उससे खाद्य पदार्थ असुरक्षित नहीं होता है;
(zy) यम) अधिकरण से धारा ७० के अधीन स्थापित खाद्य सुरक्षा अपील अधिकरण अभिप्रेत है;
(zz) यय) असुरक्षित खाद्य से कोई ऐसा खाद्य पदार्थ अभिप्रेत है जिसकी प्रकृति, पदार्थ या क्वालिटी इस प्रकार प्रभावित है जो इसे निम्नलिखित कारण से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बना देती है,-
एक) स्वतः वस्तु या उसके पैकेज से, जो पूर्णतः या भागतः विषैले या हानिकारक पदार्थ से बना है, या
दो) उस वस्तु से जो पूर्णत: या भागतः गंदे, दूषित, सड़े, गले या रुग्ण पशुजन्य पदार्थ या वनस्पतिजन्य पदार्थ से बनी है; या
तीन) उसके अस्वास्थ्यकर प्रसंस्करण के कारण या उस वस्तु में किसी हानिकारक पदार्थ की विद्यमानता से; या
चार) किसी घटिया या सस्ते पदार्थ के अनुकल्प द्वारा चाहे वह पूर्णतः हो या भागत:;
पांच) किसी पदार्थ को सीधे या किसी संघटक के रूप में, जो अनुज्ञेय नहीं है, मिलाकर; या
छह) उसके किसी संघटक को पूर्णतः या भागतः निकालकर; या
सात) पदार्थ को इस प्रकार रंजित, सुरुचिकारक या विलेपित, चूर्णीकृत या पालिशीकृत करके जिससे पदार्थ को नुकसान होता हो या वह इस प्रकार छिपाया जाता है या उस पदार्थ को उससे बेहतर या अधिक मूल्य का प्रकट करना जैसा कि वह वास्तव में है; या
आठ) किसी रंजक पदार्थ या परिरक्षी को, उससे भिन्न जो उसकी बाबत विनिर्दिष्ट किया गया है, उसमें मिलाकर; या
नौ) उन पदार्थों से जो कृमियों, घुन या कीटों से विसंक्रमित या ग्रसित हैं; या
दस) उनको तैयार किए जाने, पैक किए जाने या अस्वास्थकर दशाओं में रखे जाने से;
ग्यारह) उसके मिथ्या छाप वाली या अवमानक होने या खाद्य में बाह्य पदार्थ होने से; या
बारह) विनियमों द्वारा विनिर्दिष्ट मात्राओं से अधिक नाशक जीवमार और अन्य संदूषक अंतर्विष्ट होने के कारण।
२) इस अधिनियम में ऐसी किसी विधि जो *.(जम्मू-कश्मीर राज्य) में प्रवर्तन में नहीं हैं, के प्रति किसी निर्देश का यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह उस राज्य में प्रवृत्त तत्स्थानी विधि, यदि कोई हो, के प्रति निर्देश है।
——–
१. २००८ के अधिनियम सं० १३ की धारा २ द्वारा (७-२-२००८ से) प्रतिस्थापित ।
*. यह अधिनियम जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश पर लागू होता है देखे अधिसूचना सं० एस. ओ. ३९१२ (इ), ३० अक्तूबर २०१९.

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