Fssai धारा ३३ : प्रतिषेध आदेश :

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम २००६
धारा ३३ :
प्रतिषेध आदेश :
१) यदि –
(a) क) कोई खाद्य कारबारकर्ता इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के लिए दोषसिद्ध किया जाता है; और
(b) ख) उस न्यायालय का जिसके द्वारा या जिसके समक्ष उसे इस प्रकार दोषसिद्ध किया जाता है यह समाधान हो जाता है कि उस खाद्य कारबार से स्वास्थ्य जोखिम विद्यमान है,
तो न्यायालय खाद्य कारबारकर्ता को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् आदेश द्वारा निम्नलिखित प्रतिषेध अधिरोपित कर सकेगा, अर्थात् :-
एक) खाद्य कारबार के प्रयोजनों के लिए प्रक्रिया या उपचार के उपयोग पर प्रतिषेध;
दो) किसी खाद्य कारबार या उसी वर्ग के या विवरण के किसी अन्य खाद्य कारबार के प्रयोजनों के लिए परिसरों या उपस्कर के उपयोग पर प्रतिषेध;
तीन) किसी खाद्य कारबार के प्रयोजनों के लिए परिसरों या उपस्कर के उपयोग पर प्रतिषेध ।
२) न्यायालय, यह समाधान हो जाने पर कि ऐसा करना आवश्यक है तो, आदेश द्वारा, किसी खाद्य कारबार या उक्त आदेश में विनिर्दिष्ट किसी वर्ग या विवरण के किसी खाद्य कारबार के प्रबंध में भागीदारी लेने वाले खाद्य कारबारकर्ता पर प्रतिषेध अधिरोपित कर सकेगा।
३) उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन आदेश करने के पश्चात् (जिसे इस अधिनियम में इसके पश्चात् प्रतिषेध आदेश कहा गया है) संबद्ध खाद्य सुरक्षा अधिकारी यथाशक्यशीघ्र-
(a) क) आदेश की एक प्रति खाद्य कारबारकर्ता पर तामील करेगा; और
(b) ख) उपधारा (१) के अधीन आदेश की दशा में, आदेश की एक प्रति खाद्य कारबार के प्रयोजनों के लिए प्रयुक्त परिसर पर किसी सहजदृश्य स्थान पर लगाएगा,
और ऐसा कोई व्यक्ति जो जानबूझकर ऐसे किसी आदेश का उल्लंघन करता है, अपराध का दोषी होगा और जुर्माने से जो तीन लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा ।
४) संबद्ध खाद्य सुरक्षा अधिकारी, अभिहित अधिकारी के अनुमोदन से इस आशय का कि खाद्य कारबारकर्ता ने प्रतिषेध आदेश के हटाए जाने को न्यायोचित ठहराने वाले पर्याप्त उपाय किए हैं, खाद्य कारबारकर्ता द्वारा ऐसे प्रमाणपत्र के लिए किए गए आवेदन पर अपना समाधान हो जाने के सात दिन के भीतर प्रमाणपत्र जारी करेगा या उक्त अधिकारी-
(a) क) युक्तियुक्त रूप से यथाशक्यशीघ्र और किसी भी दशा में, चौदह दिन के भीतर अवधारण करेगा चाहे उसका समाधान हुआ है या नहीं; और
(b) ख) यदि वह यह अवधारित करता है कि उसका इस प्रकार समाधान नहीं हुआ है तो खाद्य कारबारकर्ता को उस अवधारण के कारणों की सूचना देगा ।
५) प्रतिषेध आदेश पारित किए जाने के कम से कम छह मास के पश्चात् खाद्य कारबारकर्ता द्वारा किए गए आवेदन पर न्यायालय का यह समाधान हो जाने पर कि खाद्य कारबारकर्ता ने प्रतिषेध आदेश के हटाए जाने को उचित ठहराने वाले पर्याप्त उपाय किए हैं, उक्त प्रतिषेध आदेश प्रवर्तन में नहीं रहेगा ।
६) यदि न्यायालय मामले की सभी परिस्थितियों को, जिनमें कोई विशिष्ट परिस्थिति भी सम्मिलित है, आदेश किए जाने से लेकर खाद्य कारबारकर्ता के आचरण को ध्यान में रखते हुए ऐसा करना उचित समझता है तो न्यायालय खाद्य कारबारकर्ता द्वारा किए गए आवेदन पर निदेश देगा, किन्तु ऐसा कोई भी आवेदन ग्रहण नहीं किया जाएगा, यदि वह –
(a) क) प्रतिषेध आदेश किए जाने के पश्चात् छह मास के भीतर नहीं किया जाता है; या
(b) ख) खाद्य कारबारकर्ता द्वारा ऐसे निदेश के लिए पूर्व आवेदन किए जाने के पश्चात् तीन मास के भीतर नहीं किया जाता है।
स्पष्टीकरण :
इस उपधारा के प्रयोजन के लिए,-
एक) उपरोक्त कोई निर्देश खाद्य कारबार के प्रबंधक के संबंध में उसी प्रकार लागू होगा जैसे वह खाद्य कारबारकर्ता के संबंध में लागू होता है; और कारबार के खाद्य कारबारकर्ता या खाद्य कारबारकर्ता के प्रति निर्देश का तद्नुसार अर्थ लगाया जाएगा।
दो) खाद्य कारबार के संबंध में प्रबंधक से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसे खाद्य कारबारकर्ता द्वारा कारबार या कारबार के किसी भाग को दिन प्रति दिन चलाने का दायित्व सौंपा जाता है।

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