खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम २००६
धारा ३० :
राज्य का खाद्य सुरक्षा आयुक्त :
१) राज्य सरकार, खाद्य सुरक्षा और मानकों तथा इस अधिनियम और इसके अधीन बनाए गए नियमों और विनियमों के अधीन अधिकथित अन्य अपेक्षाओं के दक्ष कार्यान्वयन के लिए राज्य के लिए खाद्य सुरक्षा आयुक्त नियुक्त करेगी ।
२) खाद्य सुरक्षा आयुक्त निम्नलिखित सभी या किन्हीं कृत्यों का पालन करेगा, अर्थात्:-
(a) क) लोक स्वास्थ्य के हित में किसी खाद्य वस्तु के संपूर्ण राज्य में या उसके किसी क्षेत्र या भाग में ऐसी अवधि के लिए, जो एक वर्ष से अधिक की नहीं होगी, जो राजपत्र में इस निमित्त अधिसूचित आदेश में विनिर्दिष्ट की जाए, विनिर्माण, भंडारण, वितरण या विक्रय को प्रतिषिद्ध करना;
(b) ख) राज्य में खाद्य विनिर्माण या प्रसंस्करण में लगी हुई औद्योगिक इकाइयों का सर्वेक्षण करना जिससे यह पता लगाया जा सके कि ऐसी इकाइयों द्वारा विभिन्न खाद्य वस्तुओं के लिए खाद्य प्राधिकारी द्वारा अधिसूचित मानकों का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं;
(c) ग) खाद्य सुरक्षा आयुक्त के कार्यालय के कार्मिकों के लिए व्यापक पैमाने पर खाद्य सुरक्षा के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए खाद्य श्रृंखला के विभिन्न खंडों के संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना या आयोजित करना;
(d) घ) यथाविनिर्दिष्ट मानकों और अन्य अपेक्षाओं के प्रभावी और एकरूप कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना तथा वस्तविकता, जवाबदेही, व्यावहारिकता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता के उच्च मानकों की भी सुनिश्चित करना;
(e) ङ) इस अधिनियम के अधीन कारावास से दंडनीय अपराधों के लिए अभियोजन की मंजूरी देना;
(f) च) ऐसे अन्य कृत्य करना जिन्हें राज्य सरकार, खाद्य प्राधिकरण के परामर्श से, विहित करे ।
३) खाद्य सुरक्षा आयुक्त आदेश द्वारा इस अधिनियम के अधीन अपनी ऐसी शक्तियों और कृत्यों को (अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी और खाद्य विश्लेषक को नियुक्त करने की शक्ति के सिवाय), जिन्हें वह आवश्यक या समीचीन समझे, अपने अधीनस्थ किसी अधिकारी को आदेश में यथाविनिर्दिष्ट शर्तों और निबंधनों के अधीन रहते हुए प्रत्यायोजित कर सकेगा।