Fssai धारा १० : मुख्य कार्यपालक अधिकारी के कृत्य :

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम २००६
धारा १० :
मुख्य कार्यपालक अधिकारी के कृत्य :
१) मुख्य कार्यपालक अधिकारी, खाद्य प्राधिकरण का विधिक प्रतिनिधि होगा और निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी होगा –
(a) क) खाद्य प्राधिकरण का दिन-प्रतिदिन का प्रशासन;
(b) ख) केन्द्रीय सलाहकार समिति के परामर्श से खाद्य प्राधिकरण के कार्य संबंधी कार्यक्रमों के लिए प्रस्ताव तैयार करना;
(c) ग) खाद्य प्राधिकरण द्वारा अंगीकृत कार्यक्रमों और विनिश्चयों को कार्यान्वित करना;
(d) घ) वैज्ञानिक समिति और वैज्ञानिक पैनल के लिए समुचित वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रशासनिक सहायता के उपबंध सुनिश्चित करना;
(e) ङ) यह सुनिश्चित करना कि खाद्य प्राधिकरण, अपने उपयोक्तओं की अपेक्षाओं के अनुसार अपने कार्यो को विशिष्टत: उपलब्ध कराई गई सेवाओं और लिए जाने वाले समय की पर्याप्तता के संबंध में, कार्यान्वित करना;
(f) च) राजस्व और व्यय का विवरण तैयार करना और खाद्य प्राधिकरण के बजट का निष्पादन करना; और
(g) छ) केन्द्रीय सरकार के साथ संपर्क विकसित करना और बनाए रखना और उसकी सुसंगत समितियों के साथ नियमित बातचीत सुनिश्चित करना ।
२) मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुमोदन के लिए प्रत्येक वर्ष खाद्य प्राधिकरण को निम्नलिखित प्रस्तुत करेगा –
(a) क) पूर्ववर्ष में खाद्य प्राधिकरण के सभी क्रियाकलापों को सम्मिलित करते हुए एक साधारण रिपोर्ट;
(b) ख) कार्य संबंधी कार्यक्रम;
(c) ग) पूर्ववर्ष के लिए वार्षिक लेखे; और
(d) घ) आगामी वर्ष के लिए बजट ।
३) मुख्य कार्यपालक अधिकारी, खाद्य प्राधिकरण द्वारा अंगीकार के पश्चात् केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकारों को साधारण रिपोर्ट और कार्यक्रम अग्रेषित करेगा और उन्हें प्रकाशित कराएगा ।
४) मुख्य कार्यपालक अधिकारी, खाद्य प्राधिकरण के सभी वित्तीय व्यय अनुमोदित करेगा और केन्द्रीय सरकार को प्राधिकरण के क्रियाकलापों के संबंध में रिपोर्ट देगा ।
५) मुख्य कार्यपालक अधिकारी, ऐसी वस्तुओं की खाद्य सुरक्षा से संबंधित विषयों पर कार्रवाई करते समय खाद्य सुरक्षा आयुक्त की शक्तियों का प्रयोग करेगा ।
६) मुख्य कार्यपालक अधिकारी का खाद्य प्राधिकरण के अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों पर प्रशासनिक नियंत्रण होगा ।

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