पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम १९८६
धारा ९ :
कुछ मामलों में प्राधिकरणों और अभिकरणों को जानकारी का दिया जाना :
(१) जहां किसी दुर्घटना या अन्य अप्रत्याशित कार्य या घटना के कारण किसी पर्यावरण प्रदूषण का निस्सारण विहित मानकों से अधिक होता है या होने की आशंका है वहां ऐसे निस्सारण के लिए उत्तरदायी व्यक्ति और उस स्थान का, जहां ऐसा निस्सारण होता है या होने की आशंका है, भारसाधक व्यक्ति, ऐसे निस्सारण के परिणामस्वरूप हुए पर्यावरण प्रदूषण का निवारण करने या उसे कम करने के लिए आबद्ध होगा, और ऐसे प्राधिकरणों को या अभिकरणों को, जो विहित किए जाएं, –
(क) ऐसी घटना के तथ्य की या ऐसी घटना होने की आशंका की जानकारी तुरन्त देगा; और
(ख) यदि अपेक्षा की जाए तो, सभी सहायता देने के लिए आबद्ध होगा।
(२) उपधारा (१) में निर्दिष्ट प्रकार की, किसी घटना के तथ्य की या उसकी आशंका के संबंध में सूचना की प्राप्ति पर, चाहे ऐसी सूचना उस उपधारा के अधीन जानकारी द्वारा मिले या अन्यथा, उपधारा (१) में निर्दिष्ट प्राधिकरण या अभिकरण, यावत्साध्य शीघ्र, ऐसे उपचारी उपाय कराएंगे जो पर्यावरण प्रदूषण का निवारण करने या उसे कम करने के लिए आवश्यक हैं।
(३) उपधारा (२) में निर्दिष्ट उपचारी उपाय करने के संबंध में किसी प्राधिकरण या अभिकरण द्वारा उपगत व्यय, यदि कोई हों, उस तारीख से जब व्यय के लिए मांग की जाती है, उस तारीख तक के लिए जब उनका संदाय कर दिया जाता है, ब्याज सहित (ऐसी उचित दर पर जो सरकार, आदेश द्वारा, नियत करे) ऐसे प्राधिकरण या अभिकरण द्वारा संबंधित व्यक्ति से भू-राजस्व की बाकाया या लोक मांग के रूप में वसूल किए जा सकेंगे।